Surah Kafirun: सूरा काफ़िरुन:
सूरह काफिरुन मक्की सूरह है, एक रुकू है, और 6 आयतें हैं। यह कुरआन पाक की 109वीं सूरह है। इस सूरह का पैगाम तौहीद का इज़हार और शिर्क से इनकार है। अल्लाह तआला ने इस सूरह में काफ़िरों से फरमाया कि न तो तुम हमारे माबूद की इबादत करोगे, और न ही हम तुम्हारे माबूद की। इस सूरह का मज़मून यह है कि मुसलमान अपने दीन पर मज़बूती से कायम रहें और हर किस्म के शिर्क से दूर रहें। इस सूरह को पढ़ने से इंसान कुफ्र और शिर्क से महफूज़ रहता है और अल्लाह के दीन पर साबित क़दम होता है।
Surah Kafirun Ki Fazilat: सूरह काफ़िरुन की फ़ज़ीलत:
- आप सल्लेलाहु अलैहि वसल्लम ने बाज सहाबा ए किराम को फरमाया कि रात को सोते वक़्त इस सूरह को पढ़ने से शिर्क से बरी करार पाओगे। सही हदीस से साबित है कि आप सल्लेलाहु अलैहि वसल्लम तवाफ की 2 रकातों, फजर और मगरिब की 2 सुन्नतों में सूरह काफिरुन और सूरह इखलास पढ़ते थे, और 3 रकात वित्र की नमाज़ में पहली रकात में सूरह आला, दूसरी रकात में सूरह काफिरुन और तीसरी रकात में सूरह इखलास पढ़ते थे। सूरह काफिरुन एक बार पढ़ने का सवाब एक चौथाई (1/4) कुरआन पढ़ने के बराबर है।
- एक दफा आप सल्लेलाहु अलैहि वसल्लम को बिच्छू ने काटा तो आपने नमक और पानी मंगवाया और उन्हें मिलाकर ज़ख्म पर मल दिया और सूरह काफिरुन और मौज्जेतैन (सूरह नंबर 113 और 114) पढ़कर ज़ख्म पर दम किया।
Surah Kafirun In Arabic: सूरह काफ़िरुन अरबी में:
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيمِ
1. قُلْ يَا أَيُّهَا الْكَافِرُونَ
2. لَا أَعْبُدُ مَا تَعْبُدُونَ
3. وَلَا أَنتُمْ عَابِدُونَ مَا أَعْبُدُ
4. وَلَا أَنَا عَابِدٌ مَّا عَبَدتُّمْ
5. وَلَا أَنتُمْ عَابِدُونَ مَا أَعْبُدُ
6. لَكُمْ دِينُكُمْ وَلِيَ دِينِ
Surah Kafirun In Hindi: सूरह काफिरुन हिंदी में
बिस्मिल्लाह हिर्रहमानिर्रहीम
1. कुल् या अय्युहल काफ़िरून
2. ला अअब्दु मा तअब्दून
3. वला अन्तुम आबिदूना मा आअब्द
4. वला अना आबिदुम् मा अबद्तुम
5. वला अन्तुम आबिदूना मा आअब्द
6. लकुम् दीनुकुम् वलिया दीन
Surah Kafirun Tarjuma: सूरा काफ़िरुन तर्जुमा:
शुरू करता हूँ अल्लाह के नाम के साथ जो बहुत रहम वाला और बार-बार रहम फरमाने वाला है।
तुम कह दो कि ऐ हक का इनकार करने वालों!
मैं उन चीज़ों की इबादत नहीं करता जिनकी तुम इबादत करते हो।
और तुम उसकी इबादत नहीं करते जिसकी मैं इबादत करता हूँ।
और न मैं (आइंदा) उसकी इबादत करने वाला हूँ जिसकी इबादत तुम करते हो।
और न तुम उसकी इबादत करने वाले हो जिसकी मैं इबादत करता हूँ।
तुम्हारे लिए तुम्हारा दीन है, और मेरे लिए मेरा दीन।
Surah Kafirun English: सूरा काफ़िरुन अंग्रेज़ी:
Bismillah hir-Rahman nir-Raheem
1. Qul ya ayyuhal kafirun
2. La a’budu ma ta’budun
3. Wa la antum ‘abiduna ma a’bud
4. Wa la ana ‘abidum ma ‘abadtum
5. Wa la antum ‘abiduna ma a’bud
6. Lakum deenukum wa liya deen
Surah Kafirun Meaning in English: सूरह काफ़िरुन का अंग्रेजी अर्थ:
1. Say, “O disbelievers,
2. I do not worship what you worship.
3. Nor are you worshippers of what I worship.
4. Nor will I be a worshipper of what you worship.
5. Nor will you be worshippers of what I worship.
6. For you is your religion, and for me is my religion.
Surah Kafirun Ke Bare Mein Ahem Hadith: सूरह काफिरुन के बारे में अहम हदीस:
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अत-तिरमिज़ी हदीस नंबर 2894 से रिवायत है कि: अब्दुल्लाह बिन अब्बास (रज़ि०) कहते हैं कि रसूलुल्लाह (सल्ल०) ने फरमाया: (सूरत ज़लज़ला) (सवाब में) आधे कुरआन के बराबर है और (सूरह इखलास) तिहाई कुरआन के बराबर है और (सूरह काफिरुन) चौथाई कुरआन के बराबर है। इमाम तिरमिज़ी कहते हैं: 1- यह हदीस ग़रीब है, 2- हम इसे केवल यमन बिन मुगीरा की रिवायत से जानते हैं।
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अत-तिरमिज़ी हदीस नंबर 3403 से रिवायत है कि नबी अकरम (सल्ल०) के पास आकर उन्होंने कहा: अल्लाह के रसूल! मुझे कोई ऐसी चीज़ बताइए जिसे मैं जब अपने बिस्तर पर जाने लगूं तो पढ़ लिया करूँ। आपने फरमाया: सूरह काफिरुन पढ़ लिया करो, क्योंकि इस सूरह में शिर्क से (नजात) है। शोबा कहते हैं: (हमारे उस्ताद) अबू-इस्हाक कभी कहते हैं कि सूरह इखलास एक बार पढ़ लिया करो और कभी एक बार का ज़िक्र नहीं करते।
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अत-तिरमिज़ी हदीस नंबर 869 से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (सल्ल०) ने तवाफ की दो रकअत में इखलास की दोनों सूरतें यानी (सूरह काफिरुन) और (सूरह इखलास) पढ़ीं।
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Surah Kafirun Ke Baare Mein Ahem Sawalat। सूरह काफ़िरुन के बारे में अहम सवालात:
1. सूरह काफ़िरून का असल मकसद क्या है?
सूरह काफ़िरुन का असल मक़सद है कि तौहीद का इज़हार और शिर्क से इंकार करना। सूरह काफिरुन हमें सबसे बड़ी कबीरा गुनाह (शिर्क) से बचाता है। इसका पैग़ाम है के अपने दीन पर कायम रहो।
2. सूरह काफ़िरून की तिलावत का फायदा क्या है?
सूरह काफ़िरुन की तिलावत का फ़ैदा ये है कि ये हमें शिर्क से बचाता है। रोज़ाना रात को सोने से पहले सूरा काफ़िरुन पहनना चाहिए, जो हमारे ईमान को मज़बूत करती है और शिर्क से महफ़ूज़ रखती है।
3. सूरह काफ़िरून की कितनी आयात हैं?
सूरह काफिरुन की कुल 6 आयतें हैं। ये सूरत हमें शिर्क से बचाती है और तौहीद का इज़हार करती है, जो हमारे ईमान को मज़बूत बनाती है।
4. सूरह काफ़िरून का ताल्लुक किस सीरत से है?
सूरह काफ़िरुन का तालुक शिर्क से है। ये सूरत हमें शिर्क जेसे कबीरा गुनाह से बचाती है और तौहीद का इज़हार करती है, जो हमारे ईमान को मज़बूत बनाती है।
5. सूरह काफ़िरून की फज़ीलत के बारे में क्या है?
सूरह काफिरुन की फजीलत ये है कि उसे रात को सोने से पहले परहने से शिर्क से निजात मिलती है। ये सूरत तौहीद का इज़हार करती है और ईमान को मज़बूत करती है।
6. क्या सूरह काफ़िरून की तिलावत किसी ख़ास वक़्त में करनी चाहिए?
सुन्नत नमाजों में करनी चाहिए जैसे हमरें नबी पाक सल्लेलाहू अलैहि वसल्लम करते थे| रात को सोने से पहले पढ़नी चाहिए।
7. सूरह काफ़िरून को नमाज़ में पढ़ना कैसा है?
सूरह काफ़िरुन को नमाज़ में पढ़ना बहुत फ़ज़ीलत वाला है, क्योंकि हमारे नबी (स.अ.व.) भी फ़ज्र और मगरिब की 2 सुन्नतों में पढ़ते थे। ये सूरत शिर्क से बचती है।
I attained the title of Hafiz-e-Quran from Jamia Rahmania Bashir Hat, West Bengal. Building on this, in 2024, I earned the degree of Moulana from Jamia Islamia Arabia, Amruha, U.P. These qualifications signify my expertise in Quranic memorization and Islamic studies, reflecting years of dedication and learning.