Chand Dekhne ki Dua

Chand Dekhne Ki Dua | Eid, Muharram Aur Rajab Ka Chand Ki Dua

Chand Dekhne Ki Dua: चाँद देखने की दुआ 

इस्लाम मैं जब भी नए साल का अघास होता हैं तो नई चांद निकलती हैं तो हमारे नबी ने हमें नई चांद देखने की दुआ सिखाया हैं, तो हमें उसे पढ़ने चाहिए जब भी हम नए चांद देखे यानि जब पूरी चांद निकले, मसलन जैसे रमजान से पहले चांद निकलता हैं ईद से पहले चांद निकलता हैं, तो हमें चाहिए की जब हम नए चांद देखे तो उसकी दुआ पढ़े ” चांद देखने की दुआ हमें इस बात की याद दिलाती है कि अल्लाह ही सब कुछ बनाने वाला और मालिक है। हर नई शुरुआत पर दुआ करना हमें अपनी इबादत और अल्लाह की रहमत के करीब करता है।

Chand Dekhne Ki Dua Ka Hadish: चाँद देखन की दुआ का हदीस 

अत तिर्मीजी हदीश नम्बर 3451 से रिवायत है की तलहा-बिन-उबैदुल्लाह से रिवायत है कि नबी (सल्ल०) जब चाँद देखते थे तो कहते थे: (اللهم أهلله علينا باليمن والإيمان والسلامة والإسلام ربي وربك الله) ‘ऐ अल्लाह! मुबारक कर हमें ये चाँद  बरकत और  ईमान और  सलामती और  इस्लाम के साथ, (ऐ चाँद!) मेरा और  तुम्हारा रब अल्लाह है।’इमाम तिरमिज़ी कहते हैं: ये हदीस हसन ग़रीब है।

Muharram Ka Chand Dekhne Ki Dua: मुहर्रम का चांद देखने की दुआ 

चांद देखने की दुआ एक ही है लिहाजा जब भी नए चांद देखे तो जो दुआ हैं उसे पढ़े, इसी तरह आप सल्लेलाहु अलेही वसल्लम ने फरमाया जब तुम रमजान का चांद देखो तो रोजा रखो और जब तुम सववाल का चांद देखो तो रोजा इफ्तार करो और अगर इस्तेतात रखो तो 30 रोजे पूरे करो यानि चांद को देखके रोजा सुरु करो और उसे देखके इफ्तार करो| इसी तरह ईद उल फितर मैं भी जो चांद दिखे वोही आम दुआ हैं उसे ही पढ़े यानि चाहे नए साल को हो या रमजान का या ईद का सबके लिए एक ही दुआ हैं और उसे ही पढ़नी चाहिए|

Chand Dekhne Ki Dua In Arabic: चाँद देखने की दुआ अरबी में 

اَللّٰہُ اَکْبَرُ، اَللّٰھُمَّ اَھِلَّہٗ عَلَیْنَا بِالْاَمْنِ وَالْاِیْمَانِ وَالسَّلَامَۃِ وَالْاِسْلَامِ وَالتَّوْفِیْقِ لِمَا تُحِبُّ رَبَّنَا وَتَرْضٰی، رَبُّنَا وَرَبُّکَ اللّٰہُ

Chand Dekhne Ki Dua In Hindi: चांद देखने की दुआ हिंदी में

**अल्लाहु अकबर, अल्लाहुम्मा अहिल्लहू अलैना बिल-अम्नि वल-ईमानि वस्सलामति वल-इस्लामि वत्तौफीकि लिमा तुहिब्बु रब्बना व तरजा, रब्बुना व रब्बुकल्लाह।**

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Chand Dekhne Ki Dua Ka Tarjuma: चांद देखन की दुआ का तर्जुमा

**”अल्लाह सबसे बड़ा है, ऐ अल्लाह! तू इसे अमन, ईमान, सलामती, इस्लाम और उस चीज़ की तौफीक़ के साथ जिसे तू पसंद करता है, हम पर तूलू फरमा, ऐ हमारे रब! और (जिससे) तू राज़ी होता है। (ऐ चाँद!) हमारा और तुम्हारा रब अल्लाह है।”**

Chand Dekhne Ki Dua In English: चांद देखने की दुआ अंग्रेज़ी में 

Allahu Akbar, Allahumma ahillahu alayna bil-amni wal-imani was-salamati wal-islami wat-tawfiqi lima tuhibbu rabbana wa tardha, rabbuna wa rabbukallah.

Tarjuma:

Allah is the Most Great . O Allah , bring us the new moon with security and Faith, with peace and in Islam, and in harmony with what our Lord loves and what pleases Him. Our Lord and your Lord is Allah.

Conclusion:

चाँद देखने की दुआ हमें याद दिलाती है कि अल्लाह तआला ही सब कुछ बनाने वाला और मालिक है। हर नई शुरुआत पर दुआ पढ़ने से हमारा ईमान और यकीन मज़बूत होता है, और अल्लाह की रहमत और बरकत नाज़िल होती है। यह दुआ हर नए चाँद देखने पर पढ़नी चाहिए, चाहे वो रमज़ान, ईद, या मुहर्रम का चाँद हो, ताकि हम अपनी इबादत और अल्लाह की क़ुर्बत में इज़ाफा कर सकें।

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Chand Dekhne Ki Dua Ke Bare Mein Aham Sawalat: चांद देखने की दुआ के बारे में अहम सवालात

1. चाँद देखते वक़्त कौनसी दुआ पढ़नी चाहिए?
चाँद देखते वक़्त एक खास दुआ पढ़ी जाती है जो अल्लाह से हिदायत, अमन और बरकत का तलब करती है। इस दुआ को नया चाँद देखने के वक़्त पढ़ना सुन्नत है और इससे सवाब मिलता है।

2. चाँद देखने की दुआ का मकसद क्या है?
चाँद देखने की दुआ का मकसद अल्लाह से नयी शुरुआत के लिए रहमत, बरकत और सलामती की दुआ करना होता है। हर नया चाँद एक नये महीने का आगाज़ होता है, और इस वक़्त दुआ पढ़ना बहुत सवाब का बाइस है।

3. चाँद देखते वक़्त की दुआ अरबी में कैसे है?
चाँद देखने की दुआ अरबी में है:
“اللَّهُمَّ أَهِلَّهُ عَلَيْنَا بِالْيُمْنِ وَالْإِيمَانِ، وَالسَّلَامَةِ وَالْإِسْلَامِ”
इसका मअनी है कि अल्लाह हम पर इस चाँद को ईमान और सलामती के साथ अता फरमा।

4. नया चाँद देखते वक़्त दुआ कैसे पढ़ी जाती है?
नया चाँद देखते वक़्त इस दुआ को दिल से, आहिस्ता और क़िब्ला रुख हो कर पढ़ना चाहिए: “अल्लाहुम्मा अहिल्लाहु अलैना बिल युम्नि वल ईमान।” इस दुआ से बरकत, अमन और हिदायत की दरख्वास्त की जाती है।

5. ईद उल फितर का चाँद देखने की दुआ क्या है?
ईद उल फितर का चाँद देखते वक़्त चाँद देखने की आम दुआ ही पढ़ी जाती है। इस वक़्त अल्लाह से ईद के दिन के लिए बरकत और रहमत की तलब की जाती है। दुआ के लफ्ज़ वही होते हैं जो आम चाँद देखने पर पढ़ते हैं।

6. मोह़र्रम का चाँद देखते वक़्त कौनसी दुआ पढ़ी जाती है?
मोह़र्रम के चाँद देखते वक़्त भी चाँद देखने की आम दुआ पढ़ी जाती है। इस दुआ में अल्लाह से नये साल की शुरुआत के लिए अमन, ईमान और रहमत का तलब किया जाता है।

7. क्या चाँद देखते वक़्त हर महीने में यही दुआ पढ़ी जाती है?
जी हाँ, हर महीने के नये चाँद देखते वक़्त यही दुआ पढ़ी जाती है। चाँद देखने की दुआ हर महीने एक जैसा होती है, चाहे वह मोह़र्रम का चाँद हो या ईद का चाँद।

8. चाँद देखते वक़्त दुआ का सवाब क्या है?
चाँद देखते वक़्त दुआ पढ़ने का सवाब बहुत ज़्यादा है क्योंकि ये एक सुन्नत है। इससे इंसान अल्लाह की रहमत और बरकत का तलबगार बनता है और नये चाँद के आगाज़ पर हिदायत की दुआ करता है।

9. चाँद देखने की दुआ कौन सी हदीस में आई है?
चाँद देखने की दुआ का ज़िक्र हदीस में मिलता है, जिसमें रसूलुल्लाह (PBUH) नया चाँद देखते वक़्त अल्लाह से बरकत, अमन और ईमान का तलब फरमाते थे। ये दुआ सुन्नत है और बहुत अफज़ल है।

10. चाँद देखने की दुआ का लफ्ज़ उर्दू में क्या है?
चाँद देखने की दुआ उर्दू में कुछ इस तरह है:
“या अल्लाह! हम पर इस चाँद को ईमान, सलामती और हिदायत के साथ ज़ाहिर फरमा।

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