सूरह फालक की हिंदी में फायदे और अहमियत। Surah Falaq Hindi Iski Fayde Aur Ahmiyat
सूरह फलक जो मुआववजतैन कहलाती है ! मुआववजातैन का मतलब वो सुरते जिसे पढ़कर अल्लाह ताल की पनाह ली जाती है। अल्लाह ताल की हिफाजत हासिल की जाती है।
सूरह फलक जो की एक छोटी सी सूरह है। जो की कुरने पाक की 30 पारह में आता है।
इंसान इस दुनिया में तरह तरह की खतरात से घिरा हुआ है परिसानिओं से घिरा हुआ है कुछ बाहर की है कुछ अपने अंदर की काही हमे वसवसे आते है काही शैतान हमारे पीछे है इन सबसे बचने के लिए हमे अल्लाह की पनाह लेनी चाहिए क्युकी उसके अलावा कोई इन परेसानियों को इन अशरात को दूर नही कर सकता।
- सूरह फलक जो की कुरने पाक की अहम सूरतों में से एक अहम सूरह है ! ये सूरह शैतानी वसवासों और बुरे असरात से बचाती है। इस सूरह से अल्लाह सुभानु ताल की पनाह तलब होती है।
सूरह फलक की फ़ज़ीलत। Sura Falaq Ki Fazilat
- सूरह फलक पढ़ने से शैतानी वसवसों से निज़ाद मिलती है।
- सूरह फलक पढ़ने से जिन्न जेसे बुरे असरात से हिफाजत होती है।
- सूरह फलक को पढ़ने से इनसान अपने आपको हर किस्म के शार से महफूज पाता है।
- सूरह फलक की तिलवात से घर में बरकत और अमन होता है।
- सूरह फलक पढ़ने से अल्लाह सुभानु ताल का पनाह हासिल होती है।
- सूरह फलक बेहतरीन दम है हर सुभाओ शाम करनी चाहिए ! क्युकी ये हमारी शैतान और बुरे असरात जिन्नों से हिफाजत करती है।
- अगर किसी सक्स को कोई खौफ हो या कोई उससे दुसमनी कर रहा हो उसे धमकी दे रहो हो तो ये सूरत पढ़ने से उसे अल्लाह ताल की पनाह हासिल होती है।
- किसी पर अगर कोई जादू होई हो तो सूरह फलक और सूरह नास पढ़ने से जादू की असरात उससे हट जाता है।
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सूरह फलक को अरबी में। Surah Falak In Arabic
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيم
قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ الْفَلَقِ
مِن شَرِّ مَا خَلَقَ
وَمِن شَرِّ غَاسِقٍ إِذَا وَقَبَ
وَمِن شَرِّ النَّفَّاثَاتِ فِي الْعُقَدِ
وَمِن شَرِّ حَاسِدٍ إِذَا حَسَدَ
सूरह फलक को हिन्दी में। Surah Falak In Hindi
बिस्मिल्लाह हिररहमान निररहीम।
कुल आउजू बिरब्बील फलक।
मीन शररिमा खलक।
वमीन शरीर गासिकीन इजा वकब।
वामीन शररिन नफ़ फ़ासातीफिल उकद।
वमीन शररि हासिदीन इजा हसद।
सूरह फालक का तर्जुमा हिंदी में। Surah Falak Meaning In Hindi
सुरू करती हु अल्लाह के नाम के साथ।
कह दीजिए के में सुबह के रब की पनाह चाहती हु।
तमाम मखलुकात के शर से।
और अँधेरी रातों के शर से जब की उस की तारीकी फैल जाए।
और उन सभी औरतों के शर से जो लोग गिरहों में फूँक मारते है।
और हसद करने वाले के शर से जब वो हसद करने लगे।
सूरह फलक के बारे में अहम हादिशे। Surah Falaq Ke Baare Mein Ahem Hadith
- रसूल अल्लाह सल्लेलाहू आलेही वसल्लम ने फरमाया क्या तुम नही देखते के आज की रात एसी आयात उतरी है के इनकी मिसल कभी देखि नही गई। और वो कुलआऊजूरबबिल फलक कुआउजूरबबिल नास है।
- मुसने नहमत की रिवाएत में आता है इब्ने आबिस जोहनी रिवाएत करते है की रसूल अल्लाह सल्लेलाहू आलेही वसल्लम ने फरमाया ये इब्ने अबिस क्या में तुमेंह तावूज के सबसे अफजल कलिमात के बारे में न बताऊ यानि जिनसे कोई पनाह ले ! माना अर्ज किया ये रसूलअल्लाह क्यू नही तो अपने फरमाया ये दो सुरते है कुलआऊजूरबबिल फलक कुलआउजूरबबिल नास।
- तिरमीजी हदीस नंबर 3575 से रिवाएत है। माज बिन अब्दुल्लाह बिन खुबैद अपने वालिद से रिवाएत करते है। हम एक बारिश वाली सख़्त अन्धेरी रात में रसूलुल्लाह (सल्ल०) को तलाश करने निकले ताकि आप हमें नमाज़ पढ़ा दें चुनांचे मैं आप को पा गया आप ने फ़रमाया : कहो (पढ़ो) तो मैं ने कुछ न कहा : कहो आप ने फिर फ़रमाया; मगर मैंने कुछ न कहा (क्योंकि मालूम नहीं था। क्या कहूँ?) आप ने फिर फ़रमाया : कहो, मैं ने कहा : क्या कहूँ? आप ने फ़रमाया : قل هو الله أحد और قل أعوذ برب الفل और قل أعوذ برب الناس सुबह और शाम तीन बार पढ़ लिया करो ये (सूरतें) तुम्हें हर बुराई से बचाएँगी और महफ़ूज़ रखेंगी।
सूरह फलक और सूरह नास, कुरान की अहम सूरतों में से हैं जो शैतानी वस्वसाओं और बुरे असरों से हिफाजत फराहम करती हैं। इनकी तिलावत से इंसान को हर किस्म की मुश्किलात और बुराइयों से बचाया जाता है। रसूल अल्लाह ﷺ ने इन दोनों सूरतों को एक साथ पढ़ने की तालीम दी थी, जो हर बुराई से हिफाजत में मददगार है। सूरह फलक और सूरह नास की तिलावत से घर में बरकत और अमन होता है। ये सूरहें हर मुसीबत और खतरात से बचने की दुआ हैं, जो हर मुसलमान को रोजाना पढ़नी चाहिए। यहाँ बताई गेई तमाम हादिसो बातों सही हादिश से साबित है।
सूरह फालक के बारे में अहम सवालात। Surah Falaq Ke Bare Mein Aham Sawaalat
1. सूरह फालक की तिलावत का तरीका क्या है?
आम ही तरीका है से हम हर सूरत को पढ़ते है उसी तरह इसे भी पराह जाएगा।
2. सूरह फालक की फजीलत और अहमियत क्या है?
ये हमे शैतान और बुरे असरात (जिन्न ,किसीसे कोई दुसमानी ,जादू ) से बचाती है और अल्लाह की पनाह हासिल होती है।
3. सूरह फालक का मकसद क्या है?
बुरे असरात से हिफाजत करना और अल्लाह की पनाह में आना।
4. सूरह फालक की ताक़त से किस चीज़ की हिफ़ाज़त होती है?
शैतान ,जिन्नों बुरे असरात से हिफाजत होती है।
5. सूरह फालक की दुआ कैसे की जाती है?
सुभे शाम तीन बार पढ़कर अपने उप्पार दम करले।
6. सूरह फालक की मुख्तसर तारीफ क्या है?
अल्लाह शुभानु ताल की पनाह शामिल है।
7. सूरह फालक की तिलावत का वक़्त और तर्तीब क्या है?
वेसे तो कभी भी पढ़ा सकते है पर खास कर सुबहो शाम इस सूरह को पढ़कर अपने उप्पर दम करना चाहिए।
8. सूरह फालक की बरकत और ख़ुशकिस्मती क्या है?
हमे हर वो चीज जो नुकसान दे सकती है उससे हिफाजत करती है।
I attained the title of Hafiz-e-Quran from Jamia Rahmania Bashir Hat, West Bengal. Building on this, in 2024, I earned the degree of Moulana from Jamia Islamia Arabia, Amruha, U.P. These qualifications signify my expertise in Quranic memorization and Islamic studies, reflecting years of dedication and learning.