Azan Ke Baad Ki Dua: अज़ान के बाद की दुआ
अज़ान के बाद की दुआ मुसलमानों के लिए एक बड़ी अहमियत रखती है। जब अज़ान दी जाती है, तो ये अल्लाह की तरफ से बुलावा होता है, और इस बुलावे का जवाब देना हमारे लिए ज़रूरी है। अज़ान के बाद की दुआ पढ़ने से हम अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं और रसूलुल्लाह ﷺ के लिए वसीला तलब करते हैं। ये दुआ न सिर्फ हमारे इमान को मज़बूत करती है बल्कि हमें आख़िरत में भी कामयाबी दिलाने का ज़रिया बनती है। हर मुसलमान को इस दुआ की अहमियत समझनी चाहिए।
अज़ान सुनने के बाद सबसे पहले नबी सल्लेलाहु अलैहि वसल्लम पर दरूद भेजना चाहिए फिर अज़ान के जो दुआ पढ़ी जाती हैं वो दुआ पढ़ना चाहिए |
Azan Dene Wale Ka Ajar Hadees Ki Roshni Mein: अज़ान देने वाले का अजर हदीस की रौशनी में
इब्ने माजा हदीश नंबर 724 से रिवायत हैं कि हज़रत अबू-हुरैरा (रज़ि०) से रिवायत है, उन्होंने कहा : मैंने रसूलुल्लाह ﷺ को फ़रमाते सुना है : मुअज़्ज़न की आवाज़ जहाँ तक पहुँचती है वहाँ तक उसकी मग़फ़िरत कर दी जाती है। हर तर और ख़ुश्क चीज़ उसके हक़ में दुआए-मग़फ़िरत करती है और (अज़ान सुन कर) नमाज़ के लिये हाज़िर होने वाले के लिये पच्चीस नेकियाँ लिखी जाती हैं और उसके दो नमाज़ों के बीच के गुनाह माफ़ कर दिये जाते हैं।
इब्ने माजा हदीश नम्बर 725 से रिवाएत हैं कि हज़रत मुआविया-बिन-अबू-सुफ़ियान (रज़ि०) से रिवायत है, रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया : क़ियामत के दिन मुअज़्ज़नों की गर्दनें सबसे लम्बी होंगी
इब्ने माजा हदीस नंबर 726 से रिवायत है कि हज़रत अब्दुल्लाह-बिन-अब्बास (रज़ि०) से रिवायत है, रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया : अज़ान वो लोग दें जो ज़्यादा बेहतर (नेक) हों और तुम्हें नमाज़ वो लोग पढ़ाएँ जो क़ुरआन पढ़ने वाले (हाफ़िज़ और आलिम)
इब्ने माजा हदीश नम्बर 723 से रिवाएत हैं कि हज़रत अब्दुर्रहमान-बिन-सअसअ (रह०) (जो हज़रत अबू-सईद ख़ुदरी (रज़ि०) की किफ़ालत में थे) से रिवायत है, उन्होंने कहा : मुझ से हज़रत अबू-सईद (रज़ि०) ने फ़रमाया : जब तुम जंगल में हो तो अज़ान बुलन्द आवाज़ से दिया करो क्योंकि मैंने रसूलुल्लाह ﷺ से ये इरशाद सुना है : जो भी जिन इन्सान पेड़ या पत्थर इस (मुअज़्ज़न) की आवाज़ सुनेगा (क़ियामत को) उसके हक़ में शहादत देगा।
Read Also, Taraweeh Ki Dua
Azan Ke Baad Ki Dua Ka Fazilat: अज़ान के बाद की दुआ का फ़ज़ीलत
- हज़रत सअद -बिन- अबी-वक़्क़ास (रज़ि०) से रिवायत है, रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया : जिसने मुअज़्ज़न की अज़ान सुन कर ये अलफ़ाज़ कहे : ( وَأَنَا أَشْهَدُ أَنْ لا إِلَهَ إِلَّا اللَّهُ وَحْدَهُ لا شَرِيكَ لَهُ وَأَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُهُ وَرَسُولُهُ رَضِيتُ بِاللَّهِ رَبًّا وَبِالْإِسْلَامِ دِينًا وَبِمُحَمَّدٍ نَبِيًّا) और में भी शहादत देता हूँ कि अकेले अल्लाह के सिवा कोई माबूदे-बर-हक़ नहीं उसका कोई शरीक नहीं और में शहादत देता हूँ कि मुहम्मद ﷺ उसके बन्दे और उसके रसूल हैं। में अल्लाह के रब होने पर इस्लाम के दीन होने पर और मुहम्मद ﷺ के नबी होने पर राज़ी हूँ। उसके गुनाह माफ़ हो जाएँगे।
- हज़रत जाबिर-बिन-अब्दुल्लाह (रज़ि०) से रिवायत है, रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया : जिसने अज़ान सुन कर ये दुआ पढ़ी : ( اللّٰهُمَّ رَبَّ هَذِهِ الدَّعْوَةِ التَّامَّةِ وَالصَّلاَةِ الْقَائِمَةِ آتِ مُحَمَّدًا الْوَسِيلَةَ وَالْفَضِيلَةَ وَابْعَثْهُ مَقَامًا مَحْمُودًا الَّذِى وَعَدْتَهُ ) ऐ अल्लाह! ऐ इस कामिल पुकार और क़ायम होने वाली नमाज़ के रब! मुहम्मद ﷺ को वसीला और फ़ज़ीलत अता फ़रमा और उन्हें इस मक़ामे-महमूद पर फ़ाइज़ फ़रमा, जिसका तूने उन से वादा फ़रमाया है। क़ियामत के दिन उसके हक़ में शफ़ाअत की इजाज़त मिल जाएगी।
- सही बुखारी हदीस नंबर 608 से रिवायत हैं कि: नबी करीम (सल्ल०) ने फ़रमाया, जब नमाज़ के लिये अज़ान दी जाती है तो शैतान भागता हुआ बड़ी तेज़ी के साथ पीठ मोड़ कर भागता है। ताकि अज़ान की आवाज़ न सुन सके और जब अज़ान ख़त्म हो जाती है तो फिर वापस आ जाता है। लेकिन ज्यों ही तकबीर शुरू हुई वो फिर पीठ मोड़ कर भागता है। जब तकबीर भी ख़त्म हो जाती है तो शैतान दोबारा आ जाता है और नमाज़ी के दिल में वसवसे डालता है। कहता है कि फ़ुलाँ बात याद कर फ़ुलाँ बात याद कर। उन बातों की शैतान याद दिहानी कराता है जिन का उसे ख़याल भी न था और इस तरह उस शख़्स को ये भी याद नहीं रहता कि उसने कितनी रकअतें पढ़ी हैं।
Read Also, Doodh Peene Ki Dua
Azan Ke Baad Ki Dua In Arabic: अज़ान के बाद की दुआ अरबी में
नंबर 1
اللّٰهُمَّ رَبَّ هَذِهِ الدَّعْوَةِ التَّامَّةِ وَالصَّلاَةِ الْقَائِمَةِ آتِ مُحَمَّدًا الْوَسِيلَةَ وَالْفَضِيلَةَ وَابْعَثْهُ مَقَامًا مَحْمُودًا الَّذِى وَعَدْتَهُ
नंबर 2
وَأَنَا أَشْهَدُ أَنْ لا إِلَهَ إِلَّا اللَّهُ وَحْدَهُ لا شَرِيكَ لَهُ وَأَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُهُ وَرَسُولُهُ رَضِيتُ بِاللَّهِ رَبًّا وَبِالْإِسْلَامِ دِينًا وَبِمُحَمَّدٍ نَبِيًّا
Azan Ke Baad Ki Dua In Hindi: अज़ान के बाद की दुआ हिंदी में
नंबर 1
**”अल्लाहुम्मा रब्बा हाज़िहिद्दावतित्ताम्मति वस्सलातिल क़ायिमति आति मुहम्मदनिल वसीलत वल फज़ीलत वबअस्हु मक़ामम महमूदनिल्लज़ी वअद्तहु”**
नंबर 2
**”वअना अशहदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाहु वह्दहु ला शरीक लहू व अशहदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहू व रसूलुहू रज़ीतु बिल्लाहि रब्बन व बिल इस्लामि दीनन व बि मुहम्मदिन नबिय्यन”**
Read Also, Mitti Dene Ki Dua
Azan Ke Baad Ki Dua Ka Tarjuma: अज़ान के बाद की दुआ का तर्जुमा
नम्बर 1
ऐ अल्लाह! ऐ इस कामिल पुकार और क़ायम होने वाली नमाज़ के रब! मुहम्मद सल्लेलाहु अलैहि वसल्लम को वसीला और फ़ज़ीलत अता फ़रमा और उन्हें इस मक़ामे-महमूद पर फ़ाइज़ फ़रमा, जिसका तूने उन से वादा फ़रमाया है।
नम्बर 2
और में भी शहादत देता हूँ कि अकेले अल्लाह के सिवा कोई माबूदे-बर-हक़ नहीं उसका कोई शरीक नहीं और में शहादत देता हूँ कि मुहम्मद सल्लेलाहु अलैहि वसल्लम उसके बन्दे और उसके रसूल हैं। में अल्लाह के रब होने पर इस्लाम के दीन होने पर और मुहम्मद सल्लेलाहु अलैहि वसल्लम के नबी होने पर राज़ी हूँ।
Azan Ke Baad Ki Dua In English: अज़ान के बाद की दुआ इंग्लिश में
Number 1
**”Allahumma Rabba hazihid-da’watit-tammati wassalatil-qa’imati aati Muhammadan al-wasilata wal-fadilah wab’ath-hu maqaman mahmudan alladhi wa’adtahu.”**
Number 2
**”Wa ana ashhadu an la ilaha illallahu wahdahu la sharika lahu wa ashhadu anna Muhammadan abduhu wa rasuluhu raditu billahi rabban wa bil-islami deenan wa bi Muhammadin nabiyyan.”**
अज़ान के बाद की दुआ इस्लामी तालीमात का एक अहम हिस्सा है। इस दुआ में हम अल्लाह से अपनी दुआ की कबूलियत और नबी मुहम्मद (ﷺ) के लिए मक़ाम-ए-महमूद की दरख्वास्त करते हैं। यह दुआ हमें याद दिलाती है कि अल्लाह के सामने अपनी ज़रूरतों का इज़हार और नबी (ﷺ) की शफाअत की तलब करना, हमारे ईमान का एक ज़रूरी हिस्सा है। इस दुआ को पढ़ने से हमारे गुनाह माफ होते है, इस दुआ को अदा करना, हमें अल्लाह की रहमत और बरकतों का हक़दार बनाता है, और हमें इस बात का एहसास दिलाता है कि हमारी ज़िंदगी का हर लम्हा अल्लाह के हुक्म और रहमत से वाबस्ता है।
Read Also, | ||
Dua E Masura | Dua E Qunoot | Sone Ki Dua |
Safar Ki Dua | Roza Rakhne Ki Dua | Doodh Peene Ki Dua |
Azan Ke Dua Ke Baare Mein Ahem Sawalat: अज़ान की दुआ के बारे में अहम सवाल
1. अजान के बाद की दुआ कौन सी है?
अजान के बाद की दुआ “वअना अशहदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाहु वह्दहु ला शरीक लहू व अशहदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहू व रसूलुहू रज़ीतु बिल्लाहि रब्बन व बिल इस्लामि दीनन व बि मुहम्मदिन नबिय्यन”**
2. अजान के वक्त क्या पढ़ा जाता है?
अजान अगर सुनाई दे तो उसके लफ़्ज़ को दौराने चाहे और जब अजान खतम हो जाए तो सबसे पहले दरूद पढ़ना चाहिए फिर अज़ान के बाद के दुआ पढ़ी जाएगी ।
3. अजान का हिंदी में अनुवाद क्या है?
अजान से अल्लाह ताला अपने तरफ अपने सारे बंदे को बुलाता है। यानि मुसलमानों को नमाज़ की तरफ बुलाया जाता है।
4. मुस्लिम अजान क्यों देता है?
मुसलमान इसलिए अजान देते है क्यूंकी अजान से तमाम मुसलमानों को अल्लाह की तरफ यानि उसकी इबादत के लिए बुलाया जाता है। यानि नमाज़ के लिए बुलाया जाता है ।
5. अज़ान का रिप्लाई कैसे करें?
अजान के बाद हमे चाहिए के हम दरूद पढ़े फिर अजान के बाद की दुआ पढ़े और अल्लाह से दुआ करे।
6. 24 घंटे में अजान कितनी बार होती है?
एक दिन में 5 वक्त का नमाज़ होता है इसी लिए पूरे 24 घंटे में 5 वक्त अजान दिया जाता है ।
7. अजान के वक्त क्या नहीं करना चाहिए?
अजान के वक्त हमें बातें नहीँ करनी चाहिए अजान को ध्यान से सुनना चाहिए और सारे काम छोर कर अल्लाह की तरफ जाना चाहिए यानि नमाज़ पढ़ने चाहिए ।
8. नमाज के बाद दुआ मांगना क्या है?
नमाज़ के बाद दुआ मांगने से अल्लाह ताला हमारे गुनाह माफ कर देता है और अगर हम कोई दुआ करते है तो दुआ कबूल होती है।
I attained the title of Hafiz-e-Quran from Jamia Rahmania Bashir Hat, West Bengal. Building on this, in 2024, I earned the degree of Moulana from Jamia Islamia Arabia, Amruha, U.P. These qualifications signify my expertise in Quranic memorization and Islamic studies, reflecting years of dedication and learning.