Aqiqah Ki Dua

Aqiqah Ki Dua | Aqeeqah Ki Niyat Aur Fazilat | Akika Ki Dua Ladka Aur Ladki

अक़ीक़ा की दुआ एक ख़ास दुआ है जो बचाए कि विलादत पर अक़ीक़ा करते वक्त रुकती है। ये सुन्नत अमल है जिसमें अल्लाह का शुक्र अदा किया जाता है और बच्चे की सेहत और बेहतरी की दुआ की जाती है। अकीक़ा में दो बकरी या बकरीयां अल्लाह के नाम पर कुर्बानी की जाति हैं। आप अक़ीक़ा करते वक़्त नियत और दुआ का ख्याल ज़रूर रखें।

Aqiqah Ki Dua: अक़ीक़ह की दुआ

अक़ीक़ा एक इस्लामी रस्म है जो बच्चे के पैदा होने पर अल्लाह का शुक्र अदा करने के लिए अदा की जाती है। इस में एक जानवर कुर्बान किया जाता है। लड़के के लिए दो जानवर और लड़की के लिए एक जानवर कुर्बान करना सुन्नत है। अक़ीक़ा का मक़सद अल्लाह की तरफ से दिया गया बच्चा का शुक्र अदा करना और बच्चे के लिए दुआ करना होता है।

Aqeeqah Ki Dua Ki Fazilat: अकीका की दुआ की फ़ज़ीलत

अकीका करने से बच्चो पर से बुरे असरात और मुख्तलिफ बलाओं से निजाद मिलती है।इसलिए हमे चाहिए की हम अकीका कर दे। अकीका करना करना सुन्नत भी है अकीका करने से रोहानीफायदा लगता है। अकीक करने से रोहन फायदा होता है। ये अल्लाह का शूकरगुज़ार होने का अमल है। और नए बच्चए पैदा होने पर उसकी रहमत और बरकत एक बेहतरीन जरिया है। अकीक करने से घर मे खुशियां और नए बच्चे के लिए दुआ करते है।

Akike Ki Dua Dawateislami: अकीके की दुआ दावते इस्लाम

अकीका की दुआ दावतिस्लामी: अकीका एक इस्लामी रिवायत है जो बचाए के अदा होने की खुशी में अदा की जाती है। इस में हम अल्लाह का शुक्राना अदा करते हैं और एक खास दुआ पढ़ते हैं। दावतेइस्लामी के मुताबिक, अकीका के मौके पर रिश्तों और करीबी दोस्तों को दावत दी जाती है, ताकि सब मिल कर इस खुशी का हिसा बन सके। अकीक़ा की दुआ बचने के लिए सेहत, हिफ़ाज़त और बरकत की तलाश है।

Akika Ke Baare Me Kuch Aham Hadith: अकीका के बारे में कुछ अहम हदीस

  • सही बुखारी हदीस नंबर 5471 रिवायत है की बच्चे का अक़ीक़ा करना चाहिये। और हुज्जाज -बिन- मिन्हाल ने कहा : उन से हम्माद-बिन-सलमा ने बयान किया कहा हमको अय्यूब सख़्तियानी क़तादा हिशाम-बिन-हस्सान और हबीब-बिन-शहीद उन चारों ने ख़बर दी उन्हें मुहम्मद-बिन-सीरीन ने और उन्हें सलमान-बिन-आमिर (रज़ि०) ने नबी करीम (सल्ल०) से। और कई लोगों ने बयान किया उन से आसिम-बिन-सुलैमान और हिशाम-बिन-हस्सान ने उन से हफ़सा-बिन्ते-सीरीन ने उन से रुबाब ने उन से सलमान-बिन-आमिर (रज़ि०) ने और उन्होंने मरफ़ूअन (रसूल (सल्ल०) से सीधे तौर पर) नबी करीम (सल्ल०) से रिवायत किया है और उसकी रिवायत यज़ीद-बिन-इब्राहीम तस्तरी ने की उन से मुहम्मद-बिन-सीरीन ने और उन से सलमान-बिन-आमिर (रज़ि०) ने अपना क़ौल मौक़ूफ़न (ग़ैर मरफ़ूअ) ज़िक्र किया।
  • सही बुखारी हदीस नंबर 5472 रिवायत है की मैंने रसूलुल्लाह (सल्ल०) से सुना आप (सल्ल०) ने फ़रमाया कि लड़के के साथ उसका अक़ीक़ा लगा हुआ है इसलिये उसकी तरफ़ से जानवर ज़बह करो और उस से बाल दूर करो (सिर मुँडा दो या ख़तना करो)।

Akhiri Baat: आखिरी बात:

आखिरी में, ये बात जरूर समझ लें कि अकीका की दुआ ना सिर्फ एक रिवायत है, बल्कि अल्लाह का शुक्राना अदा करने का एक तरीका भी है। ये दुआ बच्चों की सेहत और हिफ़ाज़त के लिए है, और इसे उनके लिए बरकत का ज़रिया समझा जाता है। हर माँ-बाप के लिए ये जरूरी है कि अपने बच्चे का अकीक़ा करते वक्त इस दुआ को पहचानना न भूलें, ताकि अल्लाह की रहमत उन पर सदा मुसलसल रहे।

Akike Ki Dua Ke Kuchh Aham Sawalat: अकीके की दुआ के कुछ अहम सवालत

1. अकिका क्या है और इसका मकसद क्या है?
अकिका एक इस्लामी रस्म है जो बच्चे के पैदा होने पर अल्लाह का शुक्र अदा करने के लिए जाती है। इसका मकसद न सिर्फ अल्लाह का शुक्रिया अदा करना है बाल्की बच्चे की हिफाजत और सेहत की दुआ भी करनी है।

2. अकिका का वक़्त कब है?
अकीका के लिए सब से बेहतर वक्त बचे के भुगतान होने के सातवे दिन होते हैं। अगर इस दिन ना किया जा सके तो 14वां या 21वां दिन भी मुनासिब है। अगर वक्त ना हो तो कोई भी वक्त किया जा सकता है जब घरवाले माली तोर पर काबिल हूं।

3. अकिका का गोश्त किसे दिया जा सकता है?
अकीका का गोश्त घर वालों, रिश्तेदारों, और गरीबों में तकसीम करना चाहिए। ये सुन्नत है के गोश्त का एक हिसा ग़रीबों को दिया जाए ताके वो भी इस ख़ुशी में शामिल हो सके।

4. क्या अकीका का गोश्त बेचना जरूरी है?
नहीं, अकिका का गोश्त बेचना इस्लाम में नहीं है। इसका मकसद सदका और गरीबों को खुश रखना है, इसके लिए गोश्त को तकसीम करना या खुद खाना बेहतरीन अमल है।

5. अकीका में कितने जानवर कुर्बान किये जाते हैं?
लड़के के लिए दो बकरी कुर्बान किए जाते हैं जबके लड़की के लिए एक बकरी काफी होती है। ये कुर्बानी सुन्नत है और उसके लिए जो इस अमल को अदा करने की इबादत रखता है।

6. अगर अकीका करने की ताकत ना हो तो क्या करना चाहिए?
अगर किसी के पास ऐसा करने की ताकत नहीं है, तो उसके लिए ये फर्ज नहीं है। जब कभी माली तोर पर इतना हो सके कि एक्का किया जा सके, तो हमें वक्त ये सुन्नत अमल अदा कर लेना चाहिए।

7. क्या अकीका और कुर्बानी एक साथ की जा सकती है?
हां, अगर किसी के पास माली इस्टेट हो तो वो अकिका और कुर्बानी एक साथ कर सकती है। लेकिन दोनों का नियत अलग-अलग करना जरूरी है, ताके दोनों अमलों का सवाब मिल सके।

8. अकिका के दौरन बच्चे के बाल काटने का क्या मकसद है?
बचे के बाल काटने का मकसद उसकी सफाई और ताजगी है। इसका सुन्नत अमल ये है के बाल काट कर उनका वजन चांदी के बराबर सदका कर दिया जाए ताके बच्चे के लिए बरकत हो।

9. अगर अकिका ना किया जाए तो क्या गुनाह होता है?
अकीका करना सुन्नत है और गुनाह नहीं होता अगर किसी वजह से ये अमल ना किया जाए। लेकिन अगर कोई माली तोर पर काबिल हो और फिर भी अकेला ना करे तो वो सवाब से महरूम रहेगा।

10. क्या अकीका का जानवर किसी और कुर्बानी के लिए इस्तेमाल हो सकता है?
अकिका के जानवर को किसी और कुर्बानी के लिए इस्तमाल करना जरूरी नहीं है। हर कुर्बानी के लिए अलग जानवर का इंतिखाब जरूरी है, और हर अमल के लिए नियत अलग होनी चाहिए।

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