Muharram Kya Hai। मुहर्रम क्या है।
मुहर्रम जिसे मुहर्रम्मूल हराम भी कहा जाता है जिसका लफ़सी माना है हराम किया गया। मोहराम एक हुरमत वाला महिना है। जिसमे बोहोत से एसे काम हराम किए गए है जिनको एक मुसलमान नही करता या उसका करना उसके लिए हराम में आता है। मुहर्रम के महीने को साहीरुल्लाह कहा जाता है ,अल्लाह का महिना। एस महीने की ताजीम की वजह से इस महीने को ताजीम कहा जाता है। इससे इसकी अहमियत का पता चलता है।
Muharram Kab Hai। मुहर्रम कब है।
मुहर्रम हिजरी साल का पहला महिना है यानि इस्लामी कैलंडर का पहला महीना है तो ये महिना अजमत और बरकत वाला है और हुरमत वाला है।
- हसन बसरी कहते है की बेसक अल्लाह ने साल की इपतेदा भी हुरमत वाले महीने से की और इसका एखतेताम भी हुरमत वाले महीने से किया यानि आगाज भी हुरमत से और एखतेताम भी हुरमत पर।
- साल में रमजान के बाद अल्लाह के यहाँ मोहराम से बरकर अजमत वाला कोई महिना नहीँ।
Muharram Kab Se Start Hai। मुहर्रम कब से शुरू होता है।
इस्लामी महीने के आखिरी महिना जिलहिज्जा के बाद मुहर्रम का महिना सुरू होता है जो की इस्लाम के नए साल का अघास करता है।
Muharram Ki Tarikh 2024। मुहर्रम की तारीख 2024।
मुहर्रम 2024 में 8 जुलाई सोमवार के दिन है।
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Muharram Ka Chand Kab Dikhega 2024। मुहर्रम का चांद कब दिखेगा 2024।
मुहर्रम का चाँद 2024 के 7 जुलाई रविबार के साम दिखाई देखा।
Muharram Ka Matlab। मुहर्रम का मतलब।
मुहर्रम का अर्थ है ,हराम होना यानि इस महीने में कुछ काम जो मुसलमनो को करने के लिए हराम कर दी गई है।
- एक दुरे पर जुल्म करने को मना किया गया है ,यानि किसकी हक मत छीनो किसीके साथ कुछ बुरा न करो।इसका मतलब हरगिज नही की बाकी महीने में हम जुल्म कर सकते है इसका मान ये है की बाकी महीनों के बनिस्बत इन हुरमत वाले महीनों में जुल्म बोहोत बरा गुनाह और बोझ है। यानि जैसे रमजान के महीने में नेकी का आजार बर जाता है उसी तरह हुरमत वाले महीनों में गुनाह ज्यादा बर जाता है।
- इन हुरमत वाले महीनों में जंग करना भी हराम है अगर चे के सामने से हमला हो तो अपने बचाओ के लिए कर सकते है।
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Muharram Ka Itihaas in Hindi। मुहर्रम का इतिहास हिंदी में।
मुहर्रम का महिना जो की हुरमत वाला महिना है लेकिन इसमे हुए एक वाक्या जो मुसलमानों के लिए सदीद गम जदा है।
मुहर्रम का महीना जिसमे हुए यक जंग जो करवला का जंग कहा जाता है जिसमे हमरे प्यारे नबी के नवासे हज़रत हुसैन राजीअल्लाहु अनहू का कतल हुआ था करवला के मैदान में उनके साथ कई यहले बैत मुसलमानों की भी कतल हुआ था करवला के मैदान में , जबकि हुकूमत इस्लाम का था यानि दो ग्रोह जो की दोनों ही मुसलमान थे ,उनके दरमियान जंग हुआ था जिसमे हज़रत हुसैन का कतल हुआ।
Muharram Kyun Manaya Jata Hai। मुहर्रम क्यों मनाया जाता है।
मुहर्रम इसलिए मनया जाता है की इस दिन हज़रत हुसैन राजी अल्लाहु अनहू की वफ़ात हुई थी करवला के जंग में ,इस दिन को लोग उनके सहिद के तोर पे मातम मनाते है। जो इस्लाम में नहीँ है। इस दिन को मनाने का हुकूम न हमे कुरान में मिलता है नहीं अप सल्लेहलाहु वसल्लम की किसी सुन्नत से मिलता है। मोहराम को मनाना ये लोगों के बनाए हुआ अपने दिन है जो की बिददत है और गुनाह है।
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Moharram Ke Din Kya Hua Tha?। मोहर्रम के दिन क्या हुआ था?
हमरे प्यारे नबी सल्लेहलाहु आलेही वसल्लम के नवासी हज़रत हुसैन राजी अल्लाहु अनहू के वफ़ात हुई थी और उनके साथी यहले बैत के की मुसलमानों की भी कतल हुई थी कारवला के मैदान में।
Muharram Kaise Manaya Jata Hai। मुहर्रम कैसे मनाया जाता है।
मुहर्रम कोई खासयाफ़्ता इस्लामी दिन नही है ये लोगों के द्वारा बनाया गेय खुद याफ़्ता दिन है जो की बिददत है और इसे नही करना चाहिए।
Ashura। आशूरा।
आशुरा जो की इस्लामी कैलंडर के 10 मुहर्रम को कहा जाता है। ये दिन अजमत वाला दिन है । इस दिन मूसा अलसस्लाम के कॉम को फ़ीरोन से निज़ाद दी थी । 10 मुहर्रम को येहूदी इस दिन रोंजा रखते थे इसके मुखालफत में आप सल्लेलाहु भी रोंजा रखे थे ,क्यूंकी इस हमसे पहले मुसलमानों को मूसा अलसस्लाम के कॉम को आजादी दी थी , फ़ीरोन को हलक किया था गोया बुराई को अल्लाह ताला ने खतम किया था । तो अल्लाह की सुकर अदा करने के लिए मूसा अलसस्लाम ने रोंजा रखा था तो गोया आप सल्लेलाहु आलेही वसल्लम ने भी हमे हुकूम दिया इस दिन रोंजा रखने के लिए । चुनकी येहूदी इस दिन रोंजा रखते है तो आप सल्लेलाहु वसल्लम ने हमे 2 रिज मीलाके रखने का हुकूम दिया ।
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Muharram Ki Dua। मुहर्रम की दुआ।
हदिसो सुन्नत से हमे कोई वी खास दुआ मोहर्रम की नही मिलति बल्कि नए साल के अघास में हमे ये दुआ मिलती है।
اللّهُمَّ أَدْخِلْهُ عَلَيْنَا بِالأمْنِ وَالإيمَانِ ، وَالسَّلامَةِ وَالإِسْلامِ ، وَرِضْوَانٍ مِّنَ الرَّحْمَانِ ، وَجِوَارٍ مِّنَ الشَّيْطَانِ
हिन्दी : अल्लाहुम्मा अदखीलहू अलाइना बिलअमनी वालईमान ,वसस्लामती वालइस्लामी ,वारिदवानीन मीररहमानी ,वाजीवारीन मिनशसइतानी ।
तर्जुमा: ये अल्लाह नए साल को हम पर अमन-ओ-इस्लाम और अपनी रजामंदी और शैतान से हिफाजत के साथ दाखिल फरमा।
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Muharram Ki Fazilat। मुहर्रम की फजीलत।
मुहर्रम का महिना बोहोत फ़ज़ीलत वाला महिना है इसमे करने वाला बेहतरीन अमल है रोंजा रखना।
- सही मुस्लिम की रिवाएत में आता है अबू हुरैरा राजी अल्लाहु अनहू से रिवाएत है की रसूल अल्लाह सल्लेलाहु आलेही वसल्लम ने फरमाया रमजान के बाद सबसे अफजल रोज़े अल्लाह के महीने मोहर्रम के है।
- जरूरी नही है की पूरे ही रोज़े रखे जैसे रमजान में रखे जाते है जितना रख सकते है उतना रखे क्यूंकी ये नफली इबादत है।
- मुहर्रम के यक रोंजा बोहोत अफजल है वो है 10 मुहर्रम का रोजा है।
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Muharram Ke Roje Ki Fazilat। मुहर्रम के रोजे की फजीलत।
10 मुहर्रम का रोंजा बोहोत फ़ज़ीलत वाला रोंजा है इसे मिलाके के रखने का हुकूम है चाहे तो 9 और 10 को मिलाले और चाहे तो 10 या 11 को मिलाले।
- रसूल अल्लाह सल्लेलाहु वसल्लम ने इरशाद फरमाया की अशूरा का रोंजा यानि 10 मुहर्रम का रोंजा 1 साल का गुनाह का कफ्फारा है।
- तो बढ़हाल इस दिन जरूर रोंजा रखे।
Muharram Ki Dua। मुहर्रम की दुआ।
हदिसो सुन्नत से हमे कोई वी खास दुआ मोहर्रम की नही मिलति बल्कि नए साल के अघास में हमे ये दुआ मिलती है।
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Muharram Ke Baare Mein Kuch Ahem Sawaalaat। मुहर्रम के बारे में कुछ अहम सवालात।
1. मुहर्रम क्यों मनाते हैं?
मुहराम नही मनाना चाहिए क्यूंकी ये क़ुरानों सुन्नत से साबित नही है। बल्कि हमे जो अल्लाह की तरफ से हुकूम हुआ है उन अमल की इन महीनों में करना चाहिए।
2. मुहर्रम शिया है या सुन्नी?
मुहराम मुसलमानों का महिना है जो की अल्लाह के तरफ से दिया गया है ,इस्लाम में सिया सुन्नी का कोई जगह नही सब मुसलमान है।
3. मुहर्रम को हराम क्यों कहा जाता है?
इसलिए कहा जाता है क्यूंकी इस महीने में अल्लाह ताल ने मुसलमानों को कुछ काम करने को हराम करार दिया गया है।
4. मुहर्रम पर रोक क्यों लगाया गया था?
क्यूंकी ये हुरमत वाला महिना है।
5. मुहर्रम के दौरान मुसलमान क्यों रोते हैं?
क्यूंकी इस दिन मुसलमानों के लिए बोहोत उदासी का दिन है इस हज़रत हुसैन की वफ़ात हुई थी और बोहोत से मुसलमानों की वफ़ात हुई थी करवला के जंग में।
6. मुहर्रम में किस चीज को करने को मना किया गया है ?
किसीके साथ जुल्म करने को मना किया गया है और जंग करने को मना किया गया है और गुनाहों से जितना चाहे बचने को कहा गया है क्यूंकी इन महीनों में गुनाह का बदला जादा होता है।
7. इस्लाम में आशूरा क्या है?
10 मोहराम के दिन को इस्लाम में आशुरा कहा जाता है।
8. आशूरा पर मुसलमान क्या करते हैं?
आशुरा के दिन मुसलमानों को रोंजा रखने को कहा गया है 2 रोजो को मिलके रखने को कहा गया है क्यूंकी इस दिन का रोंजा बोहोत फ़ज़ीलत वाला रोंजा है। क्यूंकी 1 साल का गुनाह माफ होता है।
9. क्या नबी ने आशूरा पर रोंजा रखा था ?
जी हाँ , बल्कि नबी सल्लेलाहु आलेही वस्सलम ने फरमाया इस दिन रोंजा रखना 1 साल के गुनाह का कफ्फ़ारा है।
10. आशूरा के दिन अल्लाह ने किस नबी को बचाया था?
हज़रत मूसा अलससलाम को बचाया था।
11. मुहर्रम 9 और 10 का क्या महत्व है?
इन दो दिन को मिलके रोंजा रखने को कहा गया है क्यूंकी इससे 1 साल का गुनाह माफ होता है।
I attained the title of Hafiz-e-Quran from Jamia Rahmania Bashir Hat, West Bengal. Building on this, in 2024, I earned the degree of Moulana from Jamia Islamia Arabia, Amruha, U.P. These qualifications signify my expertise in Quranic memorization and Islamic studies, reflecting years of dedication and learning.