Surah Ikhlas Kya Hai: सूरह इखलास क्या है?
सूरह इखलास, कुरआन की 112वीं सूरह है। इसमें अल्लाह की एकता और उसकी खुदाई का स्पष्ट बयान है। यह सूरह कहती है कि अल्लाह एक है, बेजोड़ है और उसका कोई साथी नहीं है। अल्लाह की कोई मिसाल नहीं है और वह सब से अलग है। इस सूरह को तौहीद और अल्लाह की अहमियत को समझने में मदद मिलती है और यह ईमान को मजबूत करती है। सूरह इखलास को पढ़ना और तिलावत करना बहुत सवाब का काम है। यह सूरह हर मुसलमान के लिए बेहद अहमियत रखती है।
Surah Ikhlas Ki Fazilat: सूरह इखलास की फ़ज़ीलत
- सूरह इखलास ने स्पष्ट किया कि एक ही इलाह है, यानी अल्लाह सिर्फ एक है, उसका कोई शरीक नहीं है।
- सूरह इखलास जो पढ़ता है, अल्लाह तआला उससे मोहब्बत फरमाता है।
- एक बार सूरह इखलास पढ़ने का सवाब ⅓ (एक तिहाई) कुरआन के पढ़ने के बराबर है।
- सूरह इखलास से मोहब्बत और इसकी कसरत से तिलावत जन्नत में जाने का वासिल है।
- 10 बार सूरह इखलास पढ़ने वाले के लिए जन्नत में एक घर तामीर कर दिया जाता है।
- शैतान के वासवासों से बचने के लिए सूरह इखलास को पढ़ कर बाईं तरफ थूकना चाहिए।
Surah Ikhlas in Arabic, English, and Hindi Tarjuma: सूरह इखलास अरबी, अंग्रेजी और हिंदी तर्जुमा के साथ
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ
قُلْ هُوَ ٱللَّهُ أَحَدٌ ﴿١
कुल हु अल्लाहु अहद।
कह दो- (1) बात यह है कि अल्लाह हर लिहाज़ से एक है।
ٱللَّهُ ٱلصَّمَدُ ﴿٢
अल्लाहुस्समद।
(2) अल्लाह ही ऐसा है कि सब उसके मोहताज हैं, वह किसी का मोहताज नहीं।
لَمْ يَلِدْ وَلَمْ يُولَدْ ﴿٣
लम यलिद व लम यूलद।
(3) न उसकी कोई औलाद है, और न वह किसी की औलाद है।
وَلَمْ يَكُن لَّهُۥۤ كُفُوًا أَحَدٌ ﴿٤
व लम यकुल लाहू कुफ़ुवन अहद।
(4) और उसके जोड़ (बराबर) का कोई भी नहीं।
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Surah Ikhlas In Arabic: सूरह इखलास अरबी में
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ
قُلْ هُوَ ٱللَّهُ أَحَدٌ ﴿١
ٱللَّهُ ٱلصَّمَدُ ﴿٢
لَمْ يَلِدْ وَلَمْ يُولَدْ ﴿٣
وَلَمْ يَكُن لَّهُۥۤ كُفُوًا أَحَدٌ ﴿٤
Surah Ikhlas In Hindi: सूरह इखलास हिंदी में:
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम
कह दो- (1) बात यह है कि अल्लाह हर लिहाज़ से एक है।
(2) अल्लाह ही ऐसा है कि सब उसके मोहताज हैं, वह किसी का मोहताज नहीं।
(3) न उसकी कोई औलाद है, और न वह किसी की औलाद है।
(4) और उसके जोड़ (बराबर) का कोई भी नहीं।
Surah Ikhlas English: सूरह इखलास अंग्रेजी में:
In the name of Allah, the Most Gracious, the Most Merciful.
- Say, “He is Allah, [who is] One,
- Allah, the Eternal Refuge.
- He neither begets nor is born,
- Nor is there to Him any equivalent.
Surah Ikhlas in Roman English: सूरह इखलास रोमन अंग्रेजी में:
Bismillahir Rahmanir Rahim
- Qul Huwa Allahu Ahad
- Allahu As-Samad
- Lam Yalid Wa Lam Yulad
- Wa Lam Yakun Lahu Kufuwwan Ahad
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Surah Ikhlas Ke Bare Mein Ahem Hadith: सूरह इखलास के बारे में अहम हदीसें
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सही मुस्लिम हदीस नंबर 1886 से रिवायत है कि सईद-बिन-अबी अरूबा और अबान अत्तार ने क़तादा से उसी पिछली सनद के साथ रिवायत की, उन दोनों (सईद और अबान) की हदीस में रसूलुल्लाह ﷺ का यह फरमान है कि अल्लाह ने कुरआन मजीद के तीन हिस्से किए हैं और सूरह इखलास को कुरआन के हिस्से में से एक हिस्सा क़रार दिया है।
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मुसनद अहमद हदीस नंबर 8869 से रिवायत है कि सईदना मुआज़ बिन अनस जहनी रज़ी अल्लाह अन्हु से रिवायत है कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया: जो शख्स {قُلْ ھُوَ اللّٰہُ اَحَدٌ} यानी सूरह इखलास को आख़िरी तक दस बार पढ़ेगा, अल्लाह तआला उसके लिए जन्नत में एक महल तामीर करेगा। सईदना उमर रज़ी अल्लाह अन्हु ने कहा: ऐ अल्लाह के रसूल! फिर तो मैं बहुत से महल हासिल कर सकता हूँ। आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया: अल्लाह तआला भी बहुत ज्यादा देने वाला और बहुत अच्छा इनाम देने वाला है।
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अबू दाऊद हदीस नंबर 4722 से रिवायत है कि हज़रत अबू-हुरैरा (रज़ि०) से रिवायत हुई है कि उन्होंने रसूलुल्लाह ﷺ को फरमाते सुना, कहा: जब लोग ये कहें तो तुम कहो: अल्लाह एक है। अल्लाह बेनीज़ है। न उसने जना और न वह जना गया और कोई नहीं जो उसकी बराबरी कर सके। फिर चाहिए कि बाईं तरफ कुछ लुआब थूके और शैतान के शर से अल्लाह की पनाह माँगे।
अत-तिर्मिज़ी हदीस नंबर 869 से रिवायत है कि रसूलुल्लाह ﷺ ने तवाफ़ की दो रकअत में इखलास की दोनों सूरतें यानी (قُلْ يَا أَيُّهَا الْكَافِرُونَ) और (قُلْ هُوَ ٱللَّهُ أَحَدٌ) पढ़ीं।
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Surah Ikhlas Ke Baare Mein Ahem Sawalat: सूरह इखलास के बारे में अहम सवालात
1. इस्लाम में इखलास क्या है?
यह सूरह बताती है कि अल्लाह एक है, उसका कोई शरीक नहीं है।
2. कुरआन में सबसे छोटा सूरह कौन है?
सबसे छोटा सूरह, सूरह कौसर है।
3. सूरह इखलास को तौहीद क्यों कहा जाता है?
सूरह इखलास से यह जाहिर हो जाती है कि अल्लाह एक है, उसका शरीक कोई भी नहीं है।
4. सूरह इखलास मक्की है या मदनी?
सूरह इखलास मक्की है।
5. कौन सा सूरह पढ़ने से कुरआन का 1/3 हिस्सा मिलता है?
सूरह इखलास पढ़ने से मिलता है।
6. सूरह इखलास कुरआन के कौन से पारे में आता है?
कुरआन की 30वीं पारे में आता है।
7. क्या सूरह इखलास नमाज़ में पढ़ सकते हैं?
बिलकुल, सूरह इखलास को नमाज़ में पढ़ सकते हैं।
I attained the title of Hafiz-e-Quran from Jamia Rahmania Bashir Hat, West Bengal. Building on this, in 2024, I earned the degree of Moulana from Jamia Islamia Arabia, Amruha, U.P. These qualifications signify my expertise in Quranic memorization and Islamic studies, reflecting years of dedication and learning.