Surah Kauser Kya Hai। सूरह कौसर क्या है।
रह कौसर जो कि कुरआन पाक के 30वें पारे में आता है, इसमें कुल 3 आयात हैं। सूरत कौसर मक्की सूरत है। इस सूरत का दूसरा नाम सूरत अन-नहर भी है। इसके साने नुज़ूल में एक रिवायत आती है।
दलाए नबूवत में है कि जिस व्यक्ति की औलाद यानी बेटा मर जाए तो अरब उसको अबतर कहते थे। अबतर कहते हैं जड़ कटे को जिसकी नसल खत्म हो गई। तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बेटे कासिम और इब्राहीम अलैहि सलाम की बचपन में ही मृत्यु हो गई थी। तो अहले अरब आपको अबतर कहकर बुलाने लगे। तो उस समय अल्लाह ताला ने यह सूरत आप पर नाजिल फरमाई और आपको कौसर अता की गई।
Surah Kausar Arabic। सूरह कौसर अरबी।
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَـٰنِ الرَّحِيمِ
إِنَّا أَعْطَيْنَاكَ الْكَوْثَرَ
فَصَلِّ لِرَبِّكَ وَانْحَرْ
إِنَّ شَانِئَكَ هُوَ الْأَبْتَرُ
Surah Kausar Hindi। सूरह कौसर हिंदी।
बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम
इन्ना आतैनाकल कौसर
फसल्लि लिरब्बिका वन्हर
इन्ना शानिअका हुवल अबतर
Read Also: Surah Kausar
Surah Kausar English। सूरह कौसर इंग्लिश।
In the name of Allah, the Most Gracious, the Most Merciful
- Indeed, We have granted you, [O Muhammad], al-Kawthar.
- So pray to your Lord and sacrifice [to Him alone].
- Indeed, your enemy is the one cut off.
Surah Kausar In Roman English। सूरह कौसर इन रोमन इंग्लिश।
Bismillahir Rahmanir Raheem
Inna Atainaka Al-Kawthar
Fasalli Li-Rabbika Wanhar
Inna Shani’aka Huwa Al-Abtar
Read Also, Kalma in Hindi
Surah Kauser Ke Fazilat (Fayde)। सूरह कौसर के फ़ज़ीलत (फ़ायदे)।
- कभी भी कोई परेशानी आए चाहे वो माली हो या जहनी या किसी दुश्मन से कोई खौफ हो या औलाद का मुस्तकबिल तारिक नजर आता हो, कभी लोग नाराज हो जाते हैं तो घबराना नहीं है। सब्र करें और अल्लाह की इस बेहतरीन सूरत कौसर को पढ़ें और समझें।
- हज़रत अनस रज़ीअल्लाहु अनहु कहते हैं, आप हमारे दरमियान मस्जिद में तशरीफ फरमाते थे कि आप पर हल्की सी उंग तारी हो गई फिर आपने मुस्कराते हुए सर मुबारक उठाया तो हमने अर्ज की कि आप क्यों मुस्करा रहे हैं। आपने फरमाया कि मेरे ऊपर अभी-अभी एक सूरत नाजिल हुई। फिर आपने बिस्मिल्लाह पढ़कर सूरत कौसर सुनाई।
- सही मुस्लिम की रिवायत है, इस सूरत का मरकजी मजमून यह है कि आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर नेमतों का जिक्र है और आपके मकाम की फ़ज़ीलत का बयान है। उसके बाद आपको इस नेमतों का क्या करना चाहिए, उसका जिक्र है कि आप शुक्राने के तौर पर अल्लाह की इबादत करें और बंदों के हुकूक का ख्याल रखें।
- सूरत कौसर जन्नत की नहर है जो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को अल्लाह ने अता की होगी, जिससे आप अपने चाहने वालों को मैदान-ए-हश्र में पानी पिलाएंगे।
- इस सूरत से कुर्बानी की जाती है।
Read Also, Surah Baqarah Last 2 Ayat
Surah Kauser Ke Hindi Tarjuma। सूरह कौसर के हिंदी तर्जुमा।
सुरू करता हूँ अल्लाह के नाम के साथ।
(ऐ पैगम्बर) यकीन जानो हमने तुम्हें कौसर अता कर दी।
लिहाजा तुम अपने परवरदिगार (की रज़ा) के लिए नमाज़ पढ़ो और कुर्बानी करो।
यकीन जानो तुम्हारा दुश्मन ही वह है जिसकी जड़ कटी हुई है।
Inna Ataina Kal Kausar Surah Tafseer। इन्ना अताएना कल कौसर सूरह की तफ़सीर।
1: “कौसर” के लफ़्ज़ी मानी हैं “बहुत ज्यादा भलाई”। और कौसर जन्नत की उस हौज़ का नाम भी है जो हुज़ूर-ए-अकदस ﷺ के तसर्फ में दी जाएगी, और आपकी उम्मत के लोग हमसे सेराब होंगे। हदीस में है कि हम हौज़ पर रखे हुए बर्तन इतने ज्यादा होंगे जितने आसमान के सितारे। यहां यह लफ़्ज़ अगर “बहुत ज्यादा भलाई” के म’नी में लिया जाए तो हमें भलाई में हौज़-ए-कौसर भी शामिल है।
2: कुरआन-ए-करीम में असल लफ़्ज़ ”अबतर” है, इसके लफ़्ज़ी मानी हैं: ”जिसकी जड़ कटी हुई हो”। और अरब के लोग उसके शाखों को अबतार कहते थे जिसकी नसल आगे ना चले, यानी जिसकी कोई नारी औलाद ना हो। जब हुजूर-ए-अकदस (स.अ.व.) के बेटे का इंतकाल हुआ तो आपके दुश्मनों ने, जिनमें आस बिन वेल पेश था, आपने यह ताना दिया के म’आज़ल्लाह आप अबतर हैं, और आपकी नसल नहीं चलेगी। इसके जवाब में इस आयत में फरमाया गया है कि आपको अल्लाह तआला ने कौसर अता फरमाई है, आपको मुबारक जिक्र और आपके दीन को आगे चलने वाले तो बेशुमार होंगे, अबतर तो आपका दुश्मन है जिसका मरने के बाद नाम-ओ-निशान भी नहीं रहेगा। चुनांचे ऐसा ही हुआ कि आपका (स.अ.व.) तज़कारा और आपकी सीरत-ए-तैयबा तो अल्हम्दुलिल्लाह जिंदा-ओ-जावेद है, और ताना देने वालों को कोई जानता भी नहीं। अगर कोई उनका जिक्र भी करता है तो बुराई से करता है।
Related Articles | ||
Surah Yaseen | Surah Fatiha | Surah Qadr |
Surah Falaq | Surah Mulk In Hindi | Surah Juma |
Safar Ki Dua | Ayatul Kursi | Khane Ki Dua |
Surah Kauser Ke Baare Mein Kuch Aham Sawaalat Aur Unke Jawab। सूरह कौसर के बारे में कुछ अहम सवालात और उनके जवाब।
1. सूरह अल कौसर से हम क्या सबक सीखते हैं?
के अल्लाह ताला बेनियाज है, हर मुश्किल का शिफा अल्लाह से मिलता है।
2. सूरह अल-कौसर पढ़ने के क्या फायदे हैं?
हर परेशानी दूर होती है। कुर्बानी की जाती है।
3. सूरह कौसर का जिक्र कितनी बार करना चाहिए?
जितनी बार भी करना चाहें कर सकते हैं, नमाज़ में भी पढ़ सकते हैं, नमाज़ के बाद भी पढ़ सकते हैं।
4. सूरह कौसर कुरान में किस पारा में है?
कुरान के 30वें पारे में है।
5. इन्ना अताएना कल कौसर सूरह का मकसद क्या है?
आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर नेमतों का जिक्र है। आपके मकाम की फ़ज़ीलत का बयान है।
6. इन्ना अताएना कल कौसर सूरह किस मकाम पर नाज़िल हुई थी?
आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को कौसर अता की गई थी।
I attained the title of Hafiz-e-Quran from Jamia Rahmania Bashir Hat, West Bengal. Building on this, in 2024, I earned the degree of Moulana from Jamia Islamia Arabia, Amruha, U.P. These qualifications signify my expertise in Quranic memorization and Islamic studies, reflecting years of dedication and learning.
Pingback: Surah Takasur in Hindi, Arabic, and English: Aur Fazilat Ko Samjhe