Unka Mangta Hu Jo Mangta Nahi Hone Dete Naat” एक दिलचस्प और गहरी नात है जो हमारे जज़्बात और अल्लाह की तरफ हमारी मोहब्बत को बयान करती है। ये नात हमेशा सुनने वालों के दिल में एक खास अहसास जगाती है, क्योंकि ये अल्लाह की तरफ इश्क़ और इबादत की गहराइयों को समझाती है। इस मक़ाले में, हम इस नात के मानी, इसकी अहमियत, और लिरिक्स पर तफ़्सीली गुफ्तगू करेंगे।
Unka Mangta Hu Jo Mangta Nahi Hone Dete Naat Lyrics Roman Urdu: उनका मंगता हू जो मंगता नहीं होने देते नाट गीत रोमन उर्दू
Un Ka Mangta Hun Jo Mangta Nahin Hone Dete
Ye Hawale Mujhe Ruswa Nahin Hone DeteUn Ka Mangta Hun Jo Mangta Nahin Hone Dete
Mere Har ‘Aib Ki Karte Hain Wo Parda-Poshi
Mere Jurmon Ka Tamasha Nahin Hone DeteUn Ka Mangta Hun Jo Mangta Nahin Hone Dete
Apne Mangton Ki Wo Fehrist Mein Rakhte Hain Sada
Mujh Ko Mohtaaj Kisi Ka Nahin Hone DeteUn Ka Mangta Hun Jo Mangta Nahin Hone Dete
Hai Ye Imaan Ke Aaenge Lahad Mein Meri
Apne Mangton Ko Wo Tanhai Nahin Hone DeteUn Ka Mangta Hun Jo Mangta Nahin Hone Dete
Naat Padhta Hun To Aati Hai Mehak Tayba Ki
Mere Lahje Ko Wo Maila Nahin Hone DeteUn Ka Mangta Hun Jo Mangta Nahin Hone Dete
Aap Ki Yaad Se Rehti Hai Nami Aankhon Mein
Mere Dariyoun Ko Sahra Nahin Hone DeteUn Ka Mangta Hun Jo Mangta Nahin Hone Dete
Hukm Karte Hain To Milte Hain Ye Maqte, Shakir!
Aap Na Chahen To Matla Nahin Hone Dete
Shayar: Tanveerullah Shakir
Naat-Khwaan: Hafiz Tahir Qadri, Ghulam Mustafa Qadri, Qari Shahid Mahmood
Unka Mangta Hu Jo Mangta Nahi Hone Dete Naat Lyrics Hindi: उनका मंगता हू जो मंगता नहीं होने देते नाट लिरिक्स हिंदी
उन का मँगता हूँ जो मँगता नहीं होने देते
ये हवाले मुझे रुस्वा नहीं होने देतेउन का मँगता हूँ जो मँगता नहीं होने देते
मेरे हर ‘ऐब की करते हैं वो पर्दा-पोशी
मेरे जुर्मों का तमाशा नहीं होने देतेउन का मँगता हूँ जो मँगता नहीं होने देते
अपने मँगतों की वो फ़ेहरिस्त में रखते हैं सदा
मुझ को मोहताज किसी का नहीं होने देतेउन का मँगता हूँ जो मँगता नहीं होने देते
है ये ईमान कि आएँगे लहद में मेरी
अपने मँगतों को वो तन्हा नहीं होने देतेउन का मँगता हूँ जो मँगता नहीं होने देते
ना’त पढ़ता हूँ तो आती है महक तयबा की
मेरे लहजे को वो मैला नहीं होने देतेउन का मँगता हूँ जो मँगता नहीं होने देते
आप की याद से रहती है नमी आँखों में
मेरे दरियाओं को सहरा नहीं होने देतेउन का मँगता हूँ जो मँगता नहीं होने देते
हुक्म करते हैं तो मिलते हैं ये मक़्ते, शाकिर !
आप न चाहें तो मतला’ नहीं होने देते
Naat Ki Ahamiyat: नात की अहमियत
नात एक ऐसी शायरी है जो प्रोफेट मोहम्मद (SAW) की तरफ इश्क और मोहब्बत को दिखाती है। इसका मकसद उनकी खुशबू को महसूस करना और उनके इरशादात को समझना होता है। इस तरह की नातें लोगों के लिए सिर्फ सुनने का ज़रिया नहीं बल्कि एक स्पिरिचुअल एक्सपीरियंस होती हैं।
नात का असल मकसद
- मोहब्बत का इज़हार: नात का असल मकसद अल्लाह और उनके रसूल (SAW) के लिए अपने जज़्बात का इज़हार करना होता है।
- इबादत का ज़रिया: नात सुनाने से इंसान अपने रब के क़रीब होता है और उसकी इबादत का एहसास करता है।
- रूहानी रिश्ता: जब हम नात सुनते हैं, तो ये हमारी रूह को सुकून देती है और हमें अल्लाह की याद दिलाती है।
Unka Mangta Hu Jo Mangta Nahi Hone Dete Naat: Ek Jaiza
“Unka Mangta Hu Jo Mangta Nahi Hone Dete Naat” की खूबसूरती और इसके लफ्ज़ इंसान के दिल को छू जाते हैं। ये नात हमें ये समझाती है कि हम अल्लाह से क्या मांग रहे हैं और उनका असर हमारी ज़िन्दगी पर क्या होता है।
लिरिक्स की अहमियत
इस नात की लिरिक्स एक ऐसा पैगाम देती हैं जो अल्लाह की तरफ हमारी मोहब्बत और उनसे मांगने का जज़्बा दर्शाती है। जब हम इन लिरिक्स को सुनते हैं, तो हमें अपने जज़्बात का एहसास होता है।
- गहरा मानी: हर लफ्ज़ में गहरा मानी छुपा होता है जो सुनने वाले को सोचने पर मजबूर कर देता है।
- जज़्बाती असर: इन लिरिक्स का असर सुनने वाले पर गहरा होता है। ये उन्हें अल्लाह की तरफ वापस लाती है।
- रूहानी जागरूकता: इस नात को सुनने से इंसान की रूह को सुकून मिलता है और वो अल्लाह से और क़रीब होता है।
Unka Mangta Hu Jo Mangta Nahi Hone Dete Naat Lyrics
लिरिक्स का मकसद नात की खुशबू को महसूस करना होता है। “Unka Mangta Hu Jo Mangta Nahi Hone Dete Naat” की कुछ खास लाइन्स ये दर्शाती हैं कि कैसे अल्लाह की तरफ से हमारी ख़्वाहिशात को समझा जाता है, चाहे वो हमेशा पूरी न हो।
लिरिक्स का छलावा
जब हम इस नात की लिरिक्स को सुनते हैं, तो हमें ये एहसास होता है:
- खुद से खुद की बात: जब इंसान खुद से अल्लाह से मांगता है, तो वो सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरी उम्मत के लिए दुआ करता है।
- सब्र और शुक्र: इस नात में सब्र और शुक्र का भी पैगाम होता है। हम अल्लाह से जो मांग रहे हैं, उस पर रज़ामंद रहना चाहिए।
- उम्मीद और ईमान: लिरिक्स में उम्मीद और ईमान की भरी हुई बातें हैं। इंसान को हमेशा अपने रब पर ईमान रखना चाहिए।
Naat Ka Sunnah Aur Asar: नात का सुनना और असर
नात सुनने का अमल इस्लामिक कल्चर का एक अहम हिस्सा है। इससे इंसान की रूह को सुकून मिलता है और वो अल्लाह के क़रीब होता है। हर नात की अपनी एक कहानी होती है जो सुनने वाले को बेहद महसूस होती है।
- इबादत की तालीम
नात सुनने से इंसान को इबादत की अहमियत का एहसास होता है। जब हम अल्लाह के लिए नात सुनते हैं, तो ये हमारी इबादत को बेहतर बनाता है।
- रूहानी सुकून
इस तरह की नातें सुनने से हमें रूहानी सुकून मिलता है। ये हमें ये याद दिलाती हैं कि हमेशा अल्लाह की तरफ रुजू करना चाहिए।
- कौम में जुड़ाव
नात सुनने से लोगों के दरमियान एक रिश्ते का पैगाम जाता है। ये लोगों को एक दूसरे के क़रीब लाता है और कौम को मज़बूत बनाता है।
Naat Ka Maqsad Aur Iski Khushboo: नात का मकसद और इसकी खुशबू
“Unka Mangta Hu Jo Mangta Nahi Hone Dete Naat” का असल मकसद अल्लाह की तरफ से मोहब्बत और इज़्ज़त का इज़हार है। जब हम ये नात सुनते हैं, तो हमें ये एहसास होता है कि अल्लाह हमेशा हमारे साथ है और वो हमेशा हमारी दुआओं का जवाब देता है।
- ईमान का पैगाम
इस नात का पहला पैगाम है ईमान का। हमें हमेशा अल्लाह पर यकीन रखना चाहिए, चाहे कुछ भी हो।
- खुद की दुनिया
नात में ये भी दर्शाया गया है कि इंसान को खुद की दुनिया और अल्लाह की दुनिया को समझना चाहिए। हर इंसान की दुआओं का एक वक़्त होता है और हमें उसका इंतज़ार करना चाहिए।
- अल्लाह की तरफ रुजू
इस नात को सुनने से हमें अल्लाह की तरफ रुजू करने का जज़्बा मिलता है। हर इंसान को ये समझना चाहिए कि अल्लाह के बिना कुछ नहीं है।
Aakhirat Ki Yaad: आखिरत की याद
“Unka Mangta Hu Jo Mangta Nahi Hone Dete Naat” के ज़रिये इंसान को आखिरत की याद दिलाई जाती है। ये नात हमें याद दिलाती है कि इस दुनिया का असली मकसद अल्लाह की इबादत करना है।
- ज़िन्दगी का असल मकसद
इस नात के ज़रिये, इंसान को ये समझ आता है कि इस दुनिया में आकर हमने क्या करना है। हमारा असल मकसद अल्लाह की इबादत और उसकी खुशबू को महसूस करना है।
- अखलाक और नखलूक
इस नात के ज़रिये, इंसान को अच्छे अखलाक और नखलूक का पैगाम दिया जाता है। हमारी ज़िन्दगी में अच्छी बातें और अच्छे जज़्बात होने चाहिए।
Final Thoughts: फाइनल थॉट्स
“Unka Mangta Hu Jo Mangta Nahi Hone Dete Naat” सिर्फ़ एक नात नहीं बल्कि एक स्पिरिचुअल एक्सपीरियंस है जो इंसान की रूह को सुकून देता है। इस नात की लिरिक्स हमेशा इंसान को अल्लाह की तरफ रुजू करने का पैगाम देती हैं।
इस मक़ाले का मकसद ये है कि आप इस नात को समझें और इसके जज़्बात को महसूस करें। जब आप इस नात को सुनते हैं, तो आपको अपने रब के साथ एक गहरी दोस्ती और मोहब्बत महसूस होती है।
आखिर में, ये समझ लेना चाहिए कि “Unka Mangta Hu Jo Mangta Nahi Hone Dete Naat” का असर सिर्फ लफ्ज़ तक ही नहीं बल्कि इसकी गहराइयों में भी छुपा होता है। अल्लाह की तरफ हमारी मोहब्बत और उनसे दुआ करने का जज़्बा कभी कम नहीं होना चाहिए।
I attained the title of Hafiz-e-Quran from Jamia Rahmania Bashir Hat, West Bengal. Building on this, in 2024, I earned the degree of Moulana from Jamia Islamia Arabia, Amruha, U.P. These qualifications signify my expertise in Quranic memorization and Islamic studies, reflecting years of dedication and learning.