Hajj Kya Hai? : हज क्या है?
हज मुसलमानों की एक तीर्थ यात्रा है जो कि इस्लाम की 5 बुनियाद में से एक है। मुसलमानों में जो भी हज करने की सहूलियत रखता है उस पर हज करना फर्ज है।जो इंसान हज के लिए जाता है उस हाजी के नाम से जाना जाता है।हज बकरीद से पहले कर जाता है।
Umrah Kya Hai ? : उमराह क्या है ?
उमरा एक इस्लामी इबादत और रूहानी सफ़र है जो किसी भी वक्त किया जा सकता है, लेकिन हज के मुक़ाबले में ये फ़र्ज़ नहीं है, बल्कि मुस्तहब है। इसमें हर मुसलमान मक्का मुक़र्रमा का सफर करता है, जहाँ जाकर काबा का तवाफ करता है और सफ़ा और मरवा के दरमियान सई करता है। इसे छोटी हज भी कहा जाता है, क्योंकि यह हज के सिवा अलग से की जाने वाली इबादत है और हरम शरीफ का तवाफ और सई का अमल इसमें शामिल होता है।
Hajj Umrah Ke Liye Vaccination Zaroori : हज और उमराह के लिए वेक्सीनेशन जरूरी
सऊदी अरब के वज़ीर ने हिदायत दी है के जो लोग उमराह या हज करना चाहते हैं, उनके लिए एहतियातन वैक्सीन लगवाना ज़रूरी है। सऊदी हुकूमत ने कहा है के हर वो शख्स जो हज या उमराह का इरादा रखता है, उसे वैक्सीन ज़रूर लगवानी होगी, जैसे के दुनिया के हर मुल्क में वैक्सीन लगाने का हुक्म दिया गया है। बग़ैर वैक्सीन के किसी को भी हज या उमराह की इजाज़त नहीं मिलेगी।
ये वैक्सीन लगवाने से हम खुद को और दूसरों को इस ख़तरनाक बीमारी, कोरोना, से महफूज़ रख सकते हैं। वैक्सीन लगवाने से न सिर्फ हमारी सेहत हिफाज़त में रहेगी, बल्कि हम अपनी ज़िम्मेदारी भी पूरी करेंगे।
Fasla Qaim Rakhna : फासले कायम रखना
कोरोना के दौरान लोगों को फासला रखने पर काफी ज़ोर दिया गया है। सऊदी हुकूमत ने तमाम हाजियों और उमराह करने वालों के लिए कुछ अहम तदबीर करवाई हैं। हर शख्स को कहा गया है कि वो अपना मुसल्ला खुद लाएं और तवाफ के वक्त भी फासला क़ायम रखें। कोरोना के वक्त में किसी को काबा को छूने या उसे चूमने की इजाज़त नहीं दी जाएगी।
इन एहतियाती तदाबीर का मकसद यह है कि लोग इस ख़तरनाक बीमारी से महफूज़ रहें और किसी किस्म का इख्तिलात न हो। इस तरह के क़वानीन पर अमल करके हम अपनी सेहत को हिफाज़त में रख सकते हैं और दूसरों के लिए भी आसानी पैदा करते हैं।
Mask Pehne : मास्क पहनना
वज़ीर अहमद डॉ. सालेह ने कहा कि अजमाए उमराह को हर शख्स मास्क पहनना चाहिए। लेकिन हज और उमराह करने वालों को इस्लाम में इजाज़त नहीं है कि वो अपने चेहरे से कोई कपड़ा छुएं। यह एहतियात कोरोना के खतरे से बचने के लिए ली गई हैं।अगर कोई बिन वजह से मास्क पहनता, तो उसे गुनाह मिलता है और इसके बदले में उसे दम और सदका देना पड़ता है। लेकिन जब हुकूमत ने हमें मास्क लगाने का हुक्म दिया है, तो गुनाह नहीं होगा। लेकिन अगर हम 24 घंटे में से 12 घंटे या उससे ज़्यादा मास्क पहनते हैं, तो हमें सदका और दम देना पड़ता है। अगर हम 12 घंटे से कम मास्क पहनते हैं, तो दम तो नहीं होगा, लेकिन सदका देना ज़रूरी होगा। ये एहतियात हमारी सेहत और दूसरों की हिफाज़त के लिए है।
Hajj Umrah Ke Liye Tagad: हज उमर के लिए तागाद
हर साल हज करने वालों की तादाद कम से कम 10 लाख तक होती थी, लेकिन कोरोना के वक्त, सिर्फ लगभग 10 हजार हाजियों को हज करने की इजाज़त मिली। तादाद काफी कम होने की वजह से, सऊदी हुकूमत को काफी ज़्यादा नुकसान हुआ। दूसरे मुल्कों के लोगों को हज करने की इजाज़त नहीं दी गई थी, सिर्फ सऊदी अरब के लोगों को ही हज करने की इजाज़त थी। ये एहतियात कोरोना के खतरे से बचने और लोगों की सेहत को महफूज़ रखने के लिए ली गई थी।
Corona Ke Waqt Hajiyo Ki Umar : कोरोना के व्यक्त हाजियों की उम्र
कोरोना के वक्त, हज करने वाले हाजियों की उम्र मुकर्रर कर दी गई थी। सभी को हज करने की इजाज़त नहीं दी गई थी। हज करने वाले हाजियों की उम्र 18 से 50 साल के बीच रखी गई थी। यह एहतियात इस लिए ली गई थी ताके कोरोना के खतरे से बचने और लोगों की सेहत को महफूज़ रखा जा सके। सिर्फ उन्हीं हाजियों को हज करने की इजाज़त दी गई थी जो इस उम्र के दायरे में थे, और दूसरे लोगों को हिफाज़त के लिए इजाज़त नहीं दी गई थी।
Corona Mein Hajj Karne Mein Badlaaw : कोरोना में हज करने वाले के में बदलाव
- हर साल 20 से 25 लाख लोग हज करने के लिए जमा होता थे लेकिन इस साल 10 हजार हाजियों को ही हज करने के लिए इजाजत मिली थी।
- बाहरी देशों के लिए इजाज़त नहीं मिलेगी
- हुकूमत ने बस उन्हीं विदेशियों को इजाज़त दी जो पहले से ही सऊदी में मौजूद है
- हाजियों को हज करने के दौरान मास्क पहन कर रहना होगा
- करना कल में हाजियों को कब को छूने या चूमने की इजाजत नहीं मिलेगी।
- दूसरी शोरबा (रसम) के वक्त फासलो का धायाँ रखना ज़रूरी होगा।
- नमाज़ में भी फ़ासलो का धायाँ रखना ज़रूरी होगा।
- नमाज़ पढ़ने के लिए सभी नमाज़ी अपना मुसल्ला अपना अलग रखेंगे।
- सेतान को पत्तर मारने वाली शोरबा (रसम) में एक बार में पचास लोगो को जाने की इज़ाज़त मिलेगी।
Covid Ke Wajha Se Saudi Hukumat Ka Nuksan : कोविड के वजहा से सऊदी हुकूमत का नुक़सान
हज करने को पाबंद कर देने से सऊदी हुकूमत को कड़ी नुकसान उठाना पड़ा। अंदाजा लगाया गया कि इससे सऊदी हुकूमत को 12 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। हज, जो कि हर साल लाखों मुसलमानों का एक अहम इबादत है, से मुल्क को बहुत बड़ा माली फायदा होता है। इस पाबंदी की वजह से, सऊदी अरब की तेल से होने वाली कमाई में कम से कम 45% कमी देखने को मिली। ये नुकसान मुल्क की माशरी हालत पर भी असर डाल रहा है, जो पहले हज और उमराह वाले लोगो से फायदा उठाता था।
Conclusion : आखरी बात
हज और उमरा इस्लामिक इबादत के अहम हिस्सों में हैं, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान इनको करने में कई बदलाव हुए। सऊदी सरकार ने सेहत की हिफाजत के मद्देनजर हाजियों के लिए खास कायदे लागू किए, जैसे वैक्सीनेशन लगवाना, मास्क पहनना और फासला बनाए रखना। इसके नतीजे में हर साल हज की तादाद में कमी आई, जिससे सऊदी अरब को माली नुकसान हुआ। महामारी के वजहा हज और उमरा से जुड़ी आमदनी में भारी गिरावट आई, और मुल्क की माली हालत पर भी असर पड़ा। हालांकि, ये तारीख़ी कदम लोगों की सेहत की हिफाजत के लिए जरूरी थे।
I attained the title of Hafiz-e-Quran from Jamia Rahmania Bashir Hat, West Bengal. Building on this, in 2024, I earned the degree of Moulana from Jamia Islamia Arabia, Amruha, U.P. These qualifications signify my expertise in Quranic memorization and Islamic studies, reflecting years of dedication and learning.