सूरह यासीन क़ुरआन पाक की एक बहुत ही अहम सूरह है। ये सूरह 36 नंबर पर है और इसे क़ुरआन का दिल भी कहा जाता है। सूरह यासीन को रोज़ाना पढ़ने से इंसान को दुनिया और आख़िरत दोनों में फ़ायदा होता है। इस सूरह में अल्लाह तआला ने अपनी क़ुदरत, रिसालत का पैग़ाम और क़यामत के दिन का ज़िक्र किया है। बहुत से लोग इसे हर सुबह या रात में पढ़ते हैं ताकि उनकी मुश्किलें दूर हो जाएं। यहाँ पर सूरह यासीन को हिंदी में तर्जुमा के साथ दिया गया है, साथ ही इसके पढ़ने के फ़ायदे भी बताए गए हैं।
इस आर्टिकल में हम सूरह यासीन को हिंदी में तफ़सील से बयान कर रहे हैं जिसमें हर आयत का हिंदी तर्जुमा भी दिया गया है। साथ ही, इस सूरह के पढ़ने के फ़ायदे और इसकी फ़ज़ीलत को भी आसान ज़बान में समझाया गया है।
इन्ना नहनु नुहयिल मौता वनकतुबु मा क़द्दमु व आसारहुम वकुल्ला शयइन अहसैनाहु फी इमामिम मुबीन
हम एकीनंन एक दिन मुरदों को जिन्दा करने वाले हैं। जो कुछ काम उनोहने , किए है वो सब हम लिखते जा रहे है , और जो कुछ नीसान उनोहने पीछे चोर है, वो भी हम लिख रहे है। (9) हर चीज को हमने एक खुली किताब में लिख रखा है।
जब हमने उनके( पास सुरू में ) दो रसूल भेजे तो उन्होंने दोनों को झुकला दिया , फिर हमने यक तीसरे के जरिए उनकी ताइद की और उन सब ने कहा येकिन जनों हमे तुम्हारे पास रसूल बनाके भेजा गया है।
कालू मा अन्तुम इल्ला बशरुम मिसळूना वमा अनजलर रहमानु मिन शय इन इन अन्तुम इल्ला तकज़िबुन
उन्होंने कहा तुम्हारी हकीकत इसके सिवा कुछ भी नहीँ की तुम हम जैसे ही आदमी हो। और खुदा -ये-रहमान ने कोई चीज नाजिल नहीँ की है , और तुम सरासर झुट बोल रहे हो।
बस्ती वालों ने कहा हमने तो तुम्हारे अंदर नहूसत महसूस की है। एकिन जनों अगर तुम बाजं ना आए तो हम तुम पर पत्थर बरशाएंगे और हमरे हाथों तुम्ह बढ़ी दर्दनाक सजा मीलिगी।
कालू ताइरुकुम म अकुम अइन ज़ुक्किरतुम बल अन्तुम क़ौमूम मुस रिफून
रसूलों ने कहा – तुम्हारी नहूसत खुद तुम्हे साथ लगी हुई है। (7) क्या ये बाते इसलिए कर रहे हो की तुम्हें नसीहत की बात पहुंचाई गई है ? असल बात यह है की तुम खुद हद से गुजरे हुए लोग हो।
व जा अमिन अक्सल मदीनति रजुलुय यसआ काला या कौमित त्तबिउल मुरसलीन
रसूलों ने कहा- तुम्हारी नहूसत ख़ुद तुम्हारे साथ लगी हुई है। (7) क्या ये बातें इसलिये कर रहे हो कि तुम्हें नसीहत की बात पहुँचाई गई है? असल बात यह है कि तुम ख़ुद हद से गुज़रे हुए लोग हो।
भला क्या उसे छोड़कर मैं ऐसों को माबूद मानूँ कि अगर ख़ुदा-ए-रहमान मुझे कोई नुक़सान पहुँचाने का इरादा कर ले तो उनकी सिफ़ारिश मेरे किसी काम न आये, और न वे मुझे छुड़ा सकें?
اِنِّیْۤ اِذًا لَّفِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ (24)
इन्नी इज़ल लफी ज़लालिम मुबीन
अगर मैं ऐसा करूँगा तो यक़ीनन मैं खुली गुमराही में मुब्तला हो जाऊँगा।
اِنِّیْۤ اٰمَنْتُ بِرَبِّكُمْ فَاسْمَعُوْنِ (25)
इन्नी आमन्तु बिरब्बीकुम फसमऊन
मैं तो तुम्हारे परवर्दिगार पर ईमान ला चुका। अब तुम भी मेरी बात सुन लो।
(आख़िरकार बस्ती वालों ने उसको क़त्ल कर दिया, (9) और अल्लाह तआला की तरफ़ से उससे) कहा गया कि जन्नत में दाख़िल हो जाओ। (10) उसने (जन्नत की नेमतें देखकर) कहा- काश! मेरी क़ौम को मालूम हो जाये।
सुब्हानल लज़ी ख़लक़ल अज़वाज कुल्लहा मिम मा तुमबितुल अरज़ू वमिन अनफुसिहिम वमिम मा ला यअलमून
पाक है वह ज़ात जिसने हर चीज़ के जोड़े-जोड़े पैदा किये हैं, उस पैदावार के भी जो ज़मीन उगाती है, और ख़ुद उन इनसानों के भी और उन चीज़ों के भी जिन्हें ये लोग (अभी) जानते तक नहीं हैं। (13)
और सूरज अपने ठिकाने की तरफ़ चला जा रहा है। यह सब उस ज़ात का मुक़र्रर किया निज़ाम (सिस्टम) है जिसका इक्तिदार (ताक़त और इख़्तियार) भी कामिल है, जिसका इल्म भी कामिल है।
और चाँद है कि हमने उसकी मन्ज़िलें नाप-तौलकर मुक़र्रर कर दी हैं, यहाँ तक कि वह जब (उन मन्ज़िलों के दौरे से) लौटकर आता है तो खजूर की पुरानी टहनी की तरह (पतला) होकर रह जाता है। (15)
व इजा कीला लहुमुत तकू मा बैना ऐदीकुम वमा खल्फकुम लअल्लाकुम तुरहामून
और जब उनसे कहा जाता है कि बचो उस (अज़ाब) से जो तुम्हारे सामने है, और जो तुम्हारे (मरने के) बाद आयेगा, ताकि तुम पर रहम किया जाये। (तो वह ज़रा कान नहीं धरते)
और जब इनसे कहा जाता है कि अल्लाह ने तुम्हें जो रिज़्क़ दिया है उसमें से (ग़रीबों पर भी) ख़र्च करो, तो ये काफ़िर लोग मुसलमानों से कहते हैं कि क्या हम उन लोगों को खाना खिलायें जिन्हें अगर अल्लाह चाहता तो ख़ुद खिला देता? (मुसलमानो!) तुम्हारी हक़ीक़त इसके सिवा कुछ भी नहीं कि तुम खुली गुमराही में पड़े हुए हो।
कालू या वय्लना मम ब असना मिम मरक़दिना हाज़ा मा व अदर रहमानु व सदकल मुरसलून
कहेंगे कि हाय हमारी कमबख़्ती ! हमें किसने हमारे मर्क़द (यानी क़ब्र) से उठा खड़ा किया है? (जवाब मिलेगा कि) यह वही चीज़ है जिसका ख़ुदा-ए-रहमान ने वायदा किया था, और पैग़म्बरों ने सच्ची बात कही थी।
और हमने (अपने) इन (पैग़म्बर) को न शायरी सिखाई है, और न वह उनकी शान के लायक़ है। (21) यह तो बस एक नसीहत की बात है, और ऐसा कुरआन जो हक़ीक़त को खोल-खोलकर बयान करता है
(हालाँकि) उनमें यह ताक़त ही नहीं है कि इनकी मदद कर सकें, बल्कि वे इनके लिये एक ऐसा (मुखालिफ़) लश्कर बनेंगे जिसे (क़ियामत में इनके सामने) हाज़िर कर लिया जायेगा। (23)
फला यह्ज़ुन्का क़व्लुहुम इन्ना नअ’लमु मा युसिर रूना वमा युअ’लिनून
ग़र्ज़ कि (ऐ पैग़म्बर!) इनकी बातें तुम्हें रंजीदा (परेशान और दुखी) न करें। यक़ीन जानो हमें सब मालूम है कि ये क्या कुछ छुपाते और क्या कुछ ज़ाहिर करते हैं।
भला जिस ज़ात ने आसमानों और ज़मीन को पैदा किया है, क्या वह इस बात पर क़ादिर नहीं है कि इन जैसों को (दोबारा) पैदा कर सके ? क्यों नहीं! जबकि वह सब कुछ पैदा करने की पूरी महारत रखता है।
🔹 अरबी, हिंदी तर्जुमा और तिलावत के साथ पढ़ें 🔹 आसान शब्दों में समझें और बरकतें पाएं
Surah Yaseen Ki Fazilat: सुरह यासीन की फजीलत।
बहकी की रिवयत में आता है इस सूरत को अपने मरने वालों के पास पराह करो। मरने वालों के पास पढ़ने की इसलिए हिदाएत फरमाई की मरने वाले पर तमाम इस्लामी अकाएद ताजा हो जाए।
मुसनते दारमि से रिवाएत है ,नबी सल्लेलाहू वसल्लम ने फरमाया जिसने सुबह सूरह यासीन की तिलवात की उसके सारे काम पूरे हो जाएंगे। ( ये हादिश जाईफ है सनत के हिसाब से ) पर इस अमल को करने में कोई हर्ज नही है।
सूरह यासीन पढ़ने से रोजी में बरकत और नजात मिलती है।
सूरह यासीन को पढ़कर मरहूम के लिए दुआ कर सकते है उसकी मगफिरत के लिए , ये एक बेहतरीन अमल है।
सूरह यासीन की रोजाना तिलवत करने से इंसान की रूहानी और जिस्मानी बीमारिओं से सिफ़ा मिलती है।
सूरह यासीन को पढ़कर अपनी गुनाओं की माफी मांगने से अल्लाह की मगफिरत भी मिल सकती है।
सुरह यासीन की तिलावत करने से सैतान मरदूद से निजात मिलती है।
सुराह यासीन का रोजाना पढ़ने से बरकत , हिफाजत, ईलाही मदद रूहानी सुकून, गुनाहों की माफी, कयामत के दिन शीफात, हिफाजत और बढ़हाए जाने वाले अजर को लाता हैं।
Surah Yaseen Ke Bare Mein Aham Sawaalat: सूरह यासीन के बारे में अहम सवालात
1. सूरह यासीन का मतलब क्या है?
सूरह यासीन कुरान की एक सुरा है जिसका मतलब सिर्फ अल्लाह ताला जनता है।
2. सूरह यासीन क्यों खास है?
सुरा यासीन को कुरान का दिल भी कहते बहुत से हदीथ में मिलता है की सुरा यासीन पढ़ने की बहुत फजीलत है।
3. सूरह या-सिन के फ़ायदे क्या हैं?
सुरा यासीन पढ़ने से गुनाहों की माफी होती है और तौबा कुबूल होती है।
सुरा यासीन तिलावत से बीमार को शिफा मिलती है।
इसको पढ़ने से रोजगार और रिज्क में बरकत होती है।
4. सूरह यासीन क़ुरान में कैसी ढूंढी जाती है?
सुरह यासीन कुरान के 22 पारा मैं आता हैं और ये सुराह नंबर 36 है जो की कुरान के पेज के उप्पर लिखी हुई होती हैं वहा से देखके ढूंढ सकते हैं।
5. सूरह यासीन को सोने से पहले पढ़ने के क्या फायदे हैं?
सही हदीश के मुताबिक कोई फजीलत बयान नहीं की गई है लेकिन इसे पढ़ने से कोई हर्ज नहीं हैं,ये एक अच्छा अमल है।
6. कौन सी सूरह चेहरे पर ख़ूबसूरती देती है?
इस्लाम में कोई भी सुरा खास खूबसूरती के लियेन्ही पढ़ा जाता खूबसूरती के लिए नमाज वजू कुरान की तिलावत झूठ बुराई गीबत करने से बचे तलवा।
7. कौनसी सी सुरह पढ़ने से मन्नत पूरी होती हैं?
कुरान में ऐसे कोई जिक्र नहीं की कोई खास सुरा पढ़ने से मन्नत कुबूल होती है मुसलमान को चाहिए की नमाज और सुन्नत पे चले और अल्लाह ताला से कभी न उम्मीद न हो तकवा पर कायम रहे
गुनाह से बचे मन्नत अगर आपके हक में बेहतर है तो जरूर कुबूल होगी अगर नही हो रही है तो अल्लाह ताला आपको उससे बेहतर देगा।
I attained the title of Hafiz-e-Quran from Jamia Rahmania Bashir Hat, West Bengal. Building on this, in 2024, I earned the degree of Moulana from Jamia Islamia Arabia, Amruha, U.P. These qualifications signify my expertise in Quranic memorization and Islamic studies, reflecting years of dedication and learning.
I attained the title of Hafiz-e-Quran from Jamia Rahmania Bashir Hat, West Bengal. Building on this, in 2024, I earned the degree of Moulana from Jamia Islamia Arabia, Amruha, U.P. These qualifications signify my expertise in Quranic memorization and Islamic studies, reflecting years of dedication and learning.
Hey there, I love all the points you made on that topic. There is definitely a great deal to know about this subject, and with that said, feel free to visit my blog Webemail24 to learn more about Disabilities Education & Services.
First of all I want to say excellent blog! I had a quick question in which
I’d like to ask if you don’t mind. I was curious to find out how you center yourself and clear your
mind before writing. I’ve had a hard time clearing my mind in getting my
ideas out. I do take pleasure in writing but it just seems like the first 10 to 15
minutes are generally wasted simply just trying
tto figure out how to begin.Any suggestions or hints?
Thanks! https://www.waste-ndc.pro/community/profile/tressa79906983/
First of all I want to say excellent blog! I had a quick question in which I’d like to ask if you don’t mind.
I was curious to find out hoow you center
yourself and clear your mind before writing.
I’ve had a hard time clearing my mind in getting
my ideas out. I ddo take pleasure inn writing but it just seems like the first 10 to 15 minutes are generally wasted
simply just trying to figure out how to begin. Anyy suggestions or hints?
Thanks! https://www.waste-ndc.pro/community/profile/tressa79906983/
Whats up this is somewhat of off topic but I was wondering if blogs use WYSIWYG editors or if you have to manually code with HTML.
I’m starting a blog soon but have no coding know-how so I wanted to get guidance from
someone with experience. Any help would be enormously appreciated!!
Pingback: Attahiyat in Hindi, English, and Arabic with Hindi Tarjuma
Pingback: Surah Quraish: Fazilat, Tarjuma, Aur Tafseer in Hindi, English
Pingback: Surah Kafirun in Hindi, English, and Arabic with Hindi Tarjuma
Hey there, I love all the points you made on that topic. There is definitely a great deal to know about this subject, and with that said, feel free to visit my blog Webemail24 to learn more about Disabilities Education & Services.
First of all I want to say excellent blog! I had a quick question in which
I’d like to ask if you don’t mind. I was curious to find out how you center yourself and clear your
mind before writing. I’ve had a hard time clearing my mind in getting my
ideas out. I do take pleasure in writing but it just seems like the first 10 to 15
minutes are generally wasted simply just trying
tto figure out how to begin.Any suggestions or hints?
Thanks! https://www.waste-ndc.pro/community/profile/tressa79906983/
First of all I want to say excellent blog! I had a quick question in which I’d like to ask if you don’t mind.
I was curious to find out hoow you center
yourself and clear your mind before writing.
I’ve had a hard time clearing my mind in getting
my ideas out. I ddo take pleasure inn writing but it just seems like the first 10 to 15 minutes are generally wasted
simply just trying to figure out how to begin. Anyy suggestions or hints?
Thanks! https://www.waste-ndc.pro/community/profile/tressa79906983/
Whats up this is somewhat of off topic but I was wondering if blogs use WYSIWYG editors or if you have to manually code with HTML.
I’m starting a blog soon but have no coding know-how so I wanted to get guidance from
someone with experience. Any help would be enormously appreciated!!
Pingback: 4 Qul In Hindi, Arbic, English - Fazilat Aur Tarjuma
Pingback: Surah Al-Nashrah Hindi, Roman English Mein, Tafseer aur Fazilat
Pingback: Ayatul Kursi Benefits | English & Arabic Transliteration and Meaning