सूरह नास कुरान शरीफ की आखरी सुरह है यानी सुरह नम्बर 114 है सुरह नास मकी है इस सुराह मे 6 अयाते और एक रूकु है , सुरह नास कुरान का आख़िरी सुरह है जो मकी है सुरह है और इसमें 6 आयते है इस सुरह का मकसद है इन्सान को हर किस्म के शर से अल्लाह की पनाह ,तालिब करना सिखाता है ,खास कर नफ्स शैतान और इन्सानी वसवसे से, इस सुरह मे अल्लाह को रब,मालिक और अल्लाह के तोर पर पुकारा गया है , जो इन्सान को कमजोरियों,और चाहतों पर गुरूर और तवाकुल की अहैमियत को बयान करता है,सुरह नास हमे याद दिलाती है, हर किस्म के खत्रनाख फितने और बुराइयों,से बचने का बेहतरीन तरीका अल्लाह की हिफाजत और रहमत तालिब करना है,
Surah Nass Ki Fazilat: सूरह नास की फजीलत:
- सुरह नास पढ़ने के सबसे खास फायदे है, ये है बुरी चीजों से हिफाजत , बुरी नजर से हिफाजत रिज्क मे बरकत आमल मे बरकत, सूरह नास सबसे ज्यादा शैतानी वसवसों से हिफाजत करती है।
- जो भी सुरह नास को रोजाना पड़ता है या उसकी ज्यादा से ज्यादा तिलावत करता है उसकी हर बुरी शय से हिफाजत होती है।
- इस सूरत को पढ़ने वाले की अल्लाह ताला हर जाइज दुआ कुबूल फरमाता है,
- सुरह नास पढ़ने वाले शख्स की अल्लाह ताला अखीरत के दिन मगफिरत फरमाएगा।
Surah Nass In Hindi: सूरह नास हिंदी में:
बिस्मिल्लाह हिर रहमानिर रहीम
- कुल अऊज़ु बि-रब्बिन-नास
- मलिकिन-नास
- इलाहिन-नास
- मिन शररिल-वस्वासिल-खन्नास
- अल्लज़ी युवसविसु फी सुदूरिन-नास
- मिनल-जिन्नति वन-नास
Surah Naas Ka Tarjuma: सुरह नास का तर्जुमा
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम,
- कहो कि मै पनाह मांगता हूं सब लोगों के, परवदीगर की,
- सब लोगों की बादशाह की,
- सब लोगों की माबूद की,
- उस वसवसा (बुरा खयाल) डालने वाले, शर (बुराई ) से जो पीछे छुप जाता है,
- जो लोगों के दिलों में वसवसे डालता है,
- चाहे वो जिन मे से हो या इंसानो मे से,
Surah In Arabic: सुरह नास अरेबिक में
بسم اللہ الرحمن الرحیم
-
قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ النَّاسِ
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مَلِكِ النَّاسِ
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إِلَٰهِ النَّا
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مِن شَرِّ الْوَسْوَاسِ الْخَنَّاسِ
-
الَّذِي يُوَسْوِسُ فِي صُدُورِ النَّاسِ
-
مِنَ الْجِنَّةِ وَالنَّاسِ
Surah Nass: Hindi Mein Aur Iska Tarjuma: सुरह नास: हिंदी में और इसका तर्जुमा
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम,
अल्लाह के नाम से शुरू, जो बड़ा मेहरबान और रहमत करने वाला है।
( 1 ) कुल अऊज़ु बि-रब्बिन-नास
कहो कि मै पनाह मांगता हूं सब लोगों के, परवदीगर की,
( 2 ) मलिकिन-नास
सब लोगों की बादशाह की,
( 3 ) इलाहिन-नास
सब लोगों की माबूद की,
( 4 ) मिन शररिल-वस्वासिल-खन्नास
उस वसवसा (बुरा खयाल) डालने वाले, शर (बुराई ) से जो पीछे छुप जाता है,
( 5 ) अल्लज़ी युवसविसु फी सुदूरिन-नास
जो लोगों के दिलों में वसवसे डालता है,
( 6 ) मिनल-जिन्नति वन-नास
चाहे वो जिन मे से हो या इंसानो मे से,
Conclusion,
सुरह नास कुरान की आखिरी और बेहद अहम सुरह है, जो इंसान को हर प्रकार के बुरे असर और शैतानी वसवसों से अल्लाह की पनाह मांगने की प्रेरणा देती है। इसमें अल्लाह को रब, मालिक और इलाह के रूप में पुकारा गया है, जो हमारी कमजोरियों को समझता है और हमारी हिफाजत अता करता है। इस सुरह का रोजाना पढ़ने से न सिर्फ बुरी नजर से बचाव होता है, बल्कि इंसान के आमाल में बरकत भी आती है। जो लोग इसे रोजाना पढ़ते हैं, उनकी दुआएं कबूल होती हैं और अल्लाह उन्हें आखिरत में मगफिरत अता फरमाएगा | इस तरह सुरह नास हमें हर बुराई से बचाने का एक बेहतरीन जरिया है।
Surah Naas Ke Bare Mein Aham Sawalat: सुरह नास के बारे में अहम सवालात:
1. सुरह नास क्या है?
सुरह नास कुरान की आखिरी सूरह है, जो सूरह नंबर 114 है। यह मक्की सूरह है और इसमें 6 आयतें हैं।
2. सुरह नास का मकसद क्या है?
इस सूरह का मकसद हर इंसान को हर किस्म के शर से अल्लाह की पनाह माँगना सिखाना है, खासकर नफ्स, शैतान, और इंसानी वसवसों से।
3. सुरह नास की फज़ीलत?
सुरह नास पढ़ने के कई फायदे हैं, जैसे बुरी चीजों से हिफाजत, बुरी नजरों से बचाव, रिज़्क में बरकत और अच्छे अमाल में इज़ाफा।
4. सुरह नास को रोजाना पढ़ना चाहिए?
जो शख्स सुरह नास को रोजाना पढ़ता है, उसकी हर बुरी साये से हिफाजत होती है और अल्लाह ताला उसकी दुआ को जल्दी कुबूल करता है।
5. सुरह नास की आयत का क्या तर्जुमा है?
सुरह नास की आयत का तर्जुमा यह है:
“मैं पनाह माँगता हूँ लोगों के रब, उनके मालिक और अल्लाह से, शैतान के शर से जो वसवसा डालता है, जिन और इंसान दोनों में से।”
6. सुरह नास को पढ़ना किस चीज से हिफाजत करता है?
सुरह नास को पढ़ना शैतानी वसवसों और बुराइयों से हिफाजत करता है।
7. सुरह नास को पढ़ने से क्या होगा?
सुरह नास को पढ़ने से अल्लाह ताला इंसान को हर बुराई से महफूज़ रखता है और आख़िरत में उसकी मगफिरत करता है।
8. सुरह नास पढ़ने का सही तरीका क्या है?
सुरह नास को पैगाम के साथ, इख्लास के साथ और अल्लाह की रहमत की तलब करते हुए पढ़ना चाहिए।
9. सुरह नास को किस वक्त पढ़ना चाहिए?
सुरह नास को सुबह और रात को सोने से पहले पढ़ना बेहतर है क्योंकि यह वक्त अल्लाह की रहमत और हिफाजत माँगने के लिए खास है।
10. क्या सुरह नास सिर्फ कुरान पढ़ने वालों के लिए है?
नहीं, सुरह नास हर शख्स के लिए है, चाहे वह किसी भी मजहब का हो। अगर कोई इसे पढ़ना चाहता है, तो यह उसके लिए भी हिदायत का बेहतरीन जरिया है।
I attained the title of Hafiz-e-Quran from Jamia Rahmania Bashir Hat, West Bengal. Building on this, in 2024, I earned the degree of Moulana from Jamia Islamia Arabia, Amruha, U.P. These qualifications signify my expertise in Quranic memorization and Islamic studies, reflecting years of dedication and learning.